चीन इस वक्त एक बड़े मिशन के तहत धरती से 11 किलोमीटर गहरा गढ्ढा खोद रहा है…

भारत का पड़ोसी देश चीन इस वक्त एक बड़े मिशन के तहत धरती से 11 किलोमीटर गहरा गढ्ढा खोद रहा है। जानकारी के अनुसार, यह कार्य चीन के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र झिंजियांग में तारिम बेसिन के एक रेगिस्तान में चल रहा है। यहां मंगलवार सुबह से ड्रिलिंग शुरू हो चुकी है। बताया जा रहा है कि चीन एवरेस्ट की ऊंचाई से भी ज्यादा गहरा गढ्ढा खोद रहा है। चीन के सरकारी मीडिया के अनुसार, वह धरती के नीचे क्रिटासियस सतह की तलाश कर रहा है। क्रेटिसियस एक भूगर्भीय काल है, जिसका 145 मिलियन साल पुराना इतिहास है। यह चीन का सबसे गहरा मानव निर्मित गढ्ढा होगा।

चीनी सरकारी शिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार, चीन के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र झिंजियांग में तारिम बेसिन के एक रेगिस्तान में मंगलवार से ड्रिलिंग शुरू हो गई है। 11,100 मीटर की गहराई के साथ, अधिकारी धरती के नीचे 10 से अधिक महाद्वीपीय स्तरों का पता लगाएंगे। जिसके बाद क्रेटासियस सिस्टम तक पहुंचा जा सकेगा। इसका 145 मिलियन साल पुराना इतिहास है। चीन की इस महत्वपूर्ण परियोजना के 457 दिनों में पूरा होने की उम्मीद है। चीनी राज्य मीडिया इस अभियान को पृथ्वी की खोज में एक मील का पत्थर बता रहा है।

क्या है चीन का मकसद
चीन की इस परियोजना की कई महत्वपूर्ण बाते हैं। पहला जिस दिन चीन ने इस अभियान की शुरुआत की, उसी दिन चीन से तीन अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेश स्टेशन के लिए रवाना किया गया। चीनी मीडिया इस अभियान को विज्ञान और तकनीकी की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण बता रहा है। एक बयान में चीन के अग्रणी तेल और गैस उत्पादक चीन नेशनल पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन ने कहा कि इसमें वैज्ञानिकों को पृथ्वी की आंतरिक संरचना और विकास का अध्ययन करने और भूविज्ञान अनुसंधान के लिए डेटा प्रदान करने में मदद मिलेगी। ऑपरेटर दिन-रात बिना रुके काम कर रहे हैं। इस काम को शिफ्ट में किया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.