कोरोना वैक्सीन के बूस्टर शॉट में भारत से आगे निकला पाकिस्तान, एनसीओसी ने दी मंजूरी

नई दिल्ली। कोरोना वैक्सीन के बूस्टर शॉट को लेकर भारत सरकार कोई निर्णय नहीं ले पा रही है, लेकिन पाकिस्तान ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। बुधवार को पाकिस्तान के नेशनल कमांड एंड ऑपरेशन सेंटर (NCOC) ने बूस्टर शॉट को अप्रूवल दे दिया है। फिलहाल हेल्थकेयर वर्कर्स, 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों और कमजोर इम्यूनिटी के लोगों को यह सुविधा मिलेगी। बूस्टर शॉट वैक्सीन की दूसरी डोज के 6 महीने बाद मुफ्त में लगाया जाएगा। पाक सरकार ने अभी यह तय नहीं किया है कि बूस्टर डोज के तौर पर किस कंपनी की वैक्सीन लगाई जाएगी।

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ब्राजील के बाद नाइजीरिया में भी ओमिक्रॉन का पहला केस मिला

पश्चिमी अफ्रीकी देश नाइजीरिया में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट का पहला केस मिला है। नाइजीरियाई सरकार ने इंटरनेशनल ट्रावेल पर पाबंदियां सख्त कर दी हैं। नाइजीरिया के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के प्रमुख इफेडायो अदेतिफा ने बताया कि देश में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग बढ़ा दी गई है। वहीं, कोरोना वैक्सीन-निर्माता बायोएनटेक के CEO उगुर साहिन ने कहा कि ओमिक्रॉन वैरिएंट से वैक्सीनेटेड लोग भी संक्रमित हो सकते हैं। हालांकि वो बहुत गंभीर तौर पर बीमार नहीं होंगे।

ब्राजील में भी ओमिक्रॉन की दस्तक

कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वैरिएंट ब्राजील में भी पहुंच गया है। ब्राजील में दो ओमिक्रॉन संक्रमितों की पहचान हुई है। ये दोनों दक्षिण अफ्रीका से यात्रा करके लौटे थे। साओ पाउलो राज्य के स्वास्थ्य सचिवालय ने बताया कि ओमिक्रॉन संक्रमित 41 वर्षीय पुरुष और 37 वर्षीय महिला को क्वारैंटाइन कर दिया गया है। ये दोनों 23 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका से लौटे थे। इनका कोरोना टेस्ट 25 नवंबर को हुआ, उस समय इनमें संक्रमण के हल्के लक्षण मिले थे।

‘यूरोप में एक हफ्ते पहले ही पहुंच चुका था ओमिक्रॉन वैरिएंट’

नीदरलैंड्स के हेल्थ अफसरों ने मंगलवार को एक चौंकाने वाली जानकारी दी। उन्होंने कहा- करीब 9 दिन पहले नीदरलैंड्स में दो लोगों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। बाद में इनकी और जांच की गई तो इनमें ओमिक्रॉन वैरिएंट पाया गया। इसका मतलब यह हुआ कि यूरोप में यह वैरिएंट एक हफ्ते पहले ही पहुंच गया था। दोनों ही संक्रमित साउथ अफ्रीका से नीदरलैंड्स आए थे।

अफ्रीका को और वैक्सीन दे सकता है चीन

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, चीन अफ्रीकी देशों को एक बिलियन वैक्सीन डोनेट करने पर विचार कर रहा है। यह खबर इसलिए अहम है क्योंकि अफ्रीकी देशों में कोरोना का नया ओमिक्रॉन वैरिएंट सबसे ज्यादा पाया जा रहा है और इसी महाद्वीप में वैक्सीनेशन की रफ्तार सबसे कम है। चीन पर कोरोना वायरस के मामले में तथ्य छिपाने का आरोप लगता रहा है। माना जा रहा है चीन इसी वजह से यह कदम उठा रहा है। हालांकि, अब तक चीन सरकार ने इस बारे में आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दी है।

मर्क की टैबलेट को मिल सकती है मंजूरी

अमेरिका में मंगलवार को हेल्थ अफसरों की एक बड़ी मीटिंग हुई। माना जा रहा है कि इस मीटिंग में जर्मन कंपनी मर्क की उस एंटी वायरल टैबलेट को मंजूरी देने पर विचार हुआ जिसे कोरोना के इलाज में अहम कामयाबी और विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है। अब तक इस दवा को डेल्टा, मू और गामा वैरिएंट के खिलाफ कारगर पाया गया है। संभव है कि अमेरिका फाइजर की भी उस टैबलेट को मंजूरी देने पर विचार करे जो मर्क की टैबलेट की तरह ही कारगर मानी जा रही है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दी गई है।

मॉडर्ना के CEO ने कहा- ओमिक्रॉन के खिलाफ कम प्रभावी है मौजूदा वैक्सीन

ड्रग निर्माता कंपनी मॉडर्ना के CEO स्टीफन बैंसेल ने मंगलवार को कहा कि कोविड की मौजूदा वैक्सीन ओमिक्रॉन के लिहाज से उतनी कारगर नहीं है, जितना यह डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ थी। बैंसल ने कहा- हमें जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेना चाहिए। हमें और भी डेटा का इंतजार करने की जरूरत है। मैंने जितने भी साइंटिस्ट्स मे बात की है।