लखनऊ उत्तर प्रदेश सरकार ने अन्नदाता किसानों को ऊर्जा सुरक्षा और सिंचाई के आधुनिक साधन उपलब्ध कराने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए वर्ष 2025-26 में ‘प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान’ (पीएम कुसुम) योजना के तहत 40,521 सोलर पंप अनुदान पर उपलब्ध कराने की घोषणा की है। सरकार ने इस महाअभियान के लिए 20227.50 लाख रुपये (दो अरब दो करोड़ सत्ताइस लाख पचास हजार) की धनराशि स्वीकृत कर दी है, जिसका उद्देश्य किसानों की सिंचाई लागत कम करना और कृषि उत्पादकता बढ़ाना है।योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा जो कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर पहले से पंजीकृत हैं। किसान 15 दिसंबर 2025 तक ूूूण्ंहतपबनसजनतमण्नचण्हवअण्पद पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। पात्र किसानों का चयन ई-लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा।इस योजना के अंतर्गत कुल 9 प्रकार के सोलर पंपों पर केंद्र और राज्य सरकार दोनों की ओर से भारी अनुदान दिया जा रहा है। 2 एचपी डीसी/एसी सरफेस पंप पर ₹98,593 का अनुदान मिलेगा। इसी प्रकार 2 एचपी डीसी सबमर्सिबल पंप पर ₹1,00,215 और 2 एचपी एसी सबमर्सिबल पंप पर ₹99,947 का अनुदान तय है। 3 एचपी डीसी सबमर्सिबल पंप पर ₹1,33,621 और 3 एचपी एसी सबमर्सिबल पंप पर ₹1,32,314 का अनुदान मिलेगा, जिसमें राज्य सरकार का अंश ₹77,618 और केंद्र सरकार का ₹54,696 है।सबसे अधिक अनुदान 7.5 एचपी और 10 एचपी एसी सबमर्सिबल पंपों पर दिया जा रहा है, जिन पर किसानों को ₹2,54,983 तक का अनुदान प्राप्त होगा। इसमें राज्य सरकार ₹1,40,780 और केंद्र सरकार ₹1,14,203 का अंश देगी। वहीं 5 एचपी एसी सबमर्सिबल पंप पर भी किसानों को ₹1,88,038 का लाभ मिलेगा।
किसानों को अनुदान पर सोलर पंप की ऑनलाइन बुकिंग आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध “अनुदान हेतु सोलर पंप बुकिंग” लिंक के माध्यम से करनी होगी। बुकिंग कन्फर्म होने के बाद पंजीकृत मोबाइल नंबर पर सूचना भेजी जाएगी। इसके पश्चात किसानों को अनुदान घटाकर बची हुई राशि ऑनलाइन जमा करनी होगी। टोकन मनी के रूप में केवल ₹5,000 जमा करना अनिवार्य है।कृषि विभाग ने स्पष्ट किया है कि बोरिंग की उपलब्धता अनिवार्य है: 2 एचपी पंप के लिए 4 इंच, 3 व 5 एचपी के लिए 6 इंच तथा 7.5 व 10 एचपी पंप के लिए 8 इंच की बोरिंग किसान के पास होनी चाहिए। सत्यापन के दौरान बोरिंग न मिलने पर टोकन मनी जब्त कर ली जाएगी और आवेदन निरस्त माना जाएगा।सरकार की इस पहल का उद्देश्य किसानों को आधुनिक सिंचाई साधनों से जोड़ना, ऊर्जा खर्च घटाना और कृषि उत्पादन को अधिक लाभकारी बनाना है। यह योजना प्रदेश के लाखों किसानों के लिए ऊर्जा स्वतंत्रता और कृषि उत्थान का नया आधार सिद्ध होगी।
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