झूलन गोस्वामी के फेयरवेल मैच में दीप्ति शर्मा के रन आउट ने विवाद खड़ा कर दिया है। हालांकि आइसीसी द्वारा बदले गए नियम के बाद इस अनफेयर प्ले की कैटेगेरी से निकालकर रन आउट करार दिया गया है बावजूद इसके अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही है।
इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स वनडे मे भारत ने 16 रनों से मैच जीतकर पहली बार क्लीन स्वीप कर लिया। यह जीत टीम के लिए इसलिए भी खास है क्योंकि भारतीय लीजेंड झूलन गोस्वामी के लिए यह फेयरवेल मैच था। झूलन ने इस मैच में 10 ओवर की गेंदबाजी की और 30 रन देकर महत्वपूर्ण दो विकेट लिए और वनडे क्रिकेट में अपने विकटों की संख्या को 255 तक पहुंचा दिया। लेकिन इंग्लैंड के आखिरी विकेट के रूप में दीप्ति शर्मा के रन-आउट ने नया विवाद खड़ा कर दिया है।
रन आउट बना विवाद
जब इंग्लैंड को जीत के लिए 39 गेंदों पर 17 रनों की आवश्यकता थी और आखिरी जोड़ी मैदान पर डटी थी तो दीप्ति शर्मा ने नॉन स्ट्राइकर एंड पर बॉल फेंकने से पहले क्रीज छोड़ देने वाली चार्ली डीन को रन आउट कर दिया जिसे थर्ड अंपायर ने आउट करार दिया और भारत ने मुकाबला 16 रनों से अपने पक्ष में कर सीरीज को 3-0 से जीत लिया।
हालांकि दीप्ति के इस कदम से डीन ने गुस्से में अपना बैट मैदान पर फेंक दिया और उनके आंसू निकल आए। चार्ली डीन 47 रन के स्कोर पर आउट हुई। दीप्ति के इस रन आउट को लेकर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कोई इन्हें खेल भावना के खिलाफ बता रहा है तो कोई इन्हें सही ठहरा रहा है।
क्या है आइसीसी का नियम
पहले इस तरह के आउट को अनफेयर प्ले और मांकड़ आदि नाम से जाना जाता था लेकिन मार्च में मेरिलबोन क्रिकेट क्लब ने इसे अनफेयर कैटेगेरी से निकालकर रन आउट में डाल दिया और हाल के दिनों में आइसीसी ने इस पर मुहर भी लगा दी है जिसे 1 अक्टूबर से लागू भी कर दिया जाएगा। इसलिए दीप्ति का यह रन आउट हर प्रकार से नियमों को फॉलो करता है। पूर्व भारतीय बल्लेबाज आकाश चोपड़ा और वसीम जाफर ने भी दीप्ति का समर्थन किया है।
मैच की बात करें तो लो स्कोर वाले इस मैच में दीप्ति शर्मा के नाबाद 68 और स्मृति मंधाना के 50 रनों की पारी की बदौलत टीम इंडिया ने 169 रन का स्कोर खड़ा किया था और इंग्लैंड की टीम केवल 153 रन ही बना पाई। भारत की तरफ से रेणुका सिंह ठाकुर ने सर्वाधिक 4 विकेट हासिल किए।