टोक्यो । जापान ने सादो द्वीप गोल्ड माइंस स्मृति समारोह से दक्षिण कोरिया की गैरमौजूदगी पर विरोध जताया है। जापान सरकार ने यूनेस्को के सादो द्वीप गोल्ड माइंस को सालभर पहले विश्व धरोहर स्थल घोषित करने के बाद पहली बार रविवार को स्मृति समारोह का आयोजन किया। दक्षिण कोरिया ने सरकारी अधिकारियों और पूर्व खदान श्रमिकों के रिश्तेदारों के समारोह में भाग लेने की स्वीकृति दी थी। दक्षिण कोरिया ने शनिवार को अंतिम समय में समारोह से दूर रहने का फैसला किया।
द जापान टाइम्स समाचार पत्र की खबर में समारोह का पूरा विवरण दिया गया है। विवरण के मुताबिक बंद हो चुकी सादो द्वीप गोल्ड माइंस में काम करने वाले दक्षिण कोरिया प्रायद्वीप और अन्य जगह के दिवंगत श्रमिकों की स्मृति में मौन रखा गया। समारोह सादो के निगाटा शहर में दोपहर एक बजे शुरू हुआ। निगाटा के गवर्नर हिदेयो हनाज़ुमी सहित लगभग 70 प्रतिभागियों ने मृत खदान श्रमिकों को पुष्पांजलि अर्पित की।
जापानी सरकार के एक प्रवक्ता ने आज कहा कि यह अफसोसजनक है कि दक्षिण कोरिया ने सादो द्वीप पर अब बंद हो चुकी सोने की खदानों में काम करने वाले युद्धकालीन श्रम पीड़ितों को सम्मानित करने के लिए रविवार को आयोजित स्मारक समारोह से हाथ खींच लिया। हालांकि माना जाता है कि सियोल उन मीडिया रिपोर्टों पर आपत्ति जता रहा है कि समारोह में जापानी सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले विदेश मामलों के संसदीय उप मंत्री अकीको इकुइना ने पिछले दिनों टोक्यो के युद्ध संबंधी यासुकुनी तीर्थ का दौरा किया था।
समारोह आयोजन समिति के प्रमुख 83 वर्षीय को नाकानो ने कहा, समारोह में दक्षिण कोरियाई प्रतिभागियों की अनुपस्थिति अफसोसजनक थी। हमें उम्मीद थी कि दक्षिण कोरियाई पक्ष के लोग भी इसमें शामिल होंगे। दक्षिण कोरियाई विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने समारोह में भाग न लेने का कारण समारोह से पहले जापान के साथ पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समझौते पर पहुंचने में कठिनाइयों का हवाला दिया।
इस बीच, दक्षिण कोरियाई सरकार ने सोमवार सुबह कोरियाई प्रायद्वीप के खदान श्रमिकों के लिए आवास सुविधा के द्वीप पर अपना खुद का समारोह आयोजित किया। जापान में दक्षिण कोरिया के राजदूत पार्क चेओल-ही व अन्य ने मौन प्रार्थना कर पुष्पांजलि अर्पित की।