नोएडा । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त रुख के बाद नोएडा पुलिस एक्शन में आ गई है। बुधवार शाम जहां पुलिस ने 123 किसानों को रिहा कर दिया था, वहीं आज जीरो प्वॉइंट पर धरना दे रहे किसानों को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस कार्रवाई से सरकार के खिलाफ नाराजगी है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण से संबंधित किसान अपनी मांगों को लेकर पिछले कई दिन से आंदोलन कर रहे हैं। इस दौरान किसान संगठनों की अधिकारियों के साथ कई दौर की बातचीत बेनतीजा रही।
सोमवार को किसानों ने भारी संख्या में दिल्ली कूच किया था लेकिन उन्हें रास्ते में ही रोक लिया गया था। इसके बाद अधिकारियों और किसानों में वार्ता हुई जिसमें किसानों ने प्रशासन को 7 दिनों का समय दिया। इन सात दिनों में समाधान नहीं निकलने पर दिल्ली कूच की घोषणा की गई थी। हालांकि एक दिन भी नहीं गुजरा था कि मंगलवार को पुलिस ने दलित प्रेरणा स्थल पर आंदोलनरत सैकड़ों किसानों को गिरफ्तार कर लुकसर जेल भेज दिया था। किसानों की गिरफ्तारी के विरोध में मंगलवार शाम को सिसौली में पंचायत भी की गई थी। पंचायत में बुधवार को बड़ा प्रदर्शन करने का ऐलान किया था। कई जिले के किसानों सुबह रवाना हुए लेकिन पुलिस ने ज्यादातर को रोक लिया। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत भी प्रदर्शन स्थल के लिए सैकड़ों किसानों के साथ निकले मगर टप्पल पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। इसके बाद बुधवार को किसानों ने जीरो प्वॉइंट पर पंचायत की और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। किसानों ने गिरफ्तार सभी किसानों को नहीं छोड़े जाने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी।
बढ़ते दबाव के चलते देर शाम सभी किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार किसानों को रिहा कर दिया। इस बीच लखनऊ में मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक की जिसमें उन्होंने समस्याओं के समाधान के लिए हाई पावर कमेटी के गठन के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अराजकता किसी भी कीमत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो भी अराजकता फैलाये उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इसके बाद आज पुलिस जीरो प्वॉइंट पर पहुंच कर धरना दे रहे किसानों को गिरफ्तार कर लिया। इस घटनाक्रम के बाद किसानों में भारी रोष है।