डोनाल्ड ट्रंप की बड़ी चेतावनी, कहा- तृतीय विश्व युद्ध का रूप ले सकता है रूस-यूक्रेन युद्ध


वाशिंगटन,12 दिसंबर। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को लेकर बड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि यह युद्ध जल्द ही तृतीय विश्व युद्ध का रूप ले सकता है। पिछले महीने ही इस युद्ध में 25,000 लोग मारे गए, जिनमें अधिकतर सैनिक थे। उन्होंने लगातार हो रहे रक्तपात पर निराशा व्यक्त करते हुए दोनों देशों के बीच पनपी इस शत्रुता को तत्काल समाप्त करने की अपील की है। आइए जानते हैं उन्होंने क्या कुछ कहा।
ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा, मैं हत्याओं को रुकते देखना चाहता हूं। पिछले महीने लगभग 25,000 सैनिक मारे गए। मैं इसे रोकना चाहता हूं और हम इसके लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने कहा, इस तरह की चीजें अंतत: तीसरे विश्व युद्ध का कारण बनती हैं और मैंने यह बात कुछ दिन पहले भी कही थी। जब तक हर कोई इस तरह के खेल खेलता रहेगा, हम अंतत: तीसरे विश्व युद्ध में फंस जाएंगे।
रूस और यूक्रेन के झुकने से इनकार करने के कारण युद्ध को कुछ ही घंटों में समाप्त करने का दावा करने वाले ट्रंप अब किनारे खड़े होकर यह सब देखने के लिए मजबूर हो गए हैं। इससे पहले, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लीविट ने कहा था कि राष्ट्रपति युद्ध विराम तक पहुंचने की धीमी प्रगति को लेकर रूस-यूक्रेन दोनों से बेहद निराश हैं और केवल बैठक करने के लिए बैठकों में शामिल होने को तैयार नहीं हैं।
लीविट ने कहा था, राष्ट्रपति ट्रंप ऐसी बैठकों से थक चुके हैं जिनसे कुछ हासिल नहीं होता और उन्हें शब्दों की नहीं, बल्कि परिणाम चाहिए, क्योंकि अमेरिका 4 साल से चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए प्राथमिक मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा था, राष्ट्रपति ट्रंप अब केवल कार्रवाई चाहते हैं। वे चाहते हैं कि यह युद्ध जल्द से जल्द समाप्त हो जाना चाहिए। इसी में दोनों देशों के साथ दुनिया की भलाई है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने यह भी कहा है कि रूस के साथ युद्ध समाप्त करने के लिए सुरक्षा समझौते के तहत अमेरिका हमेशा यूक्रेन को सहायता देने के लिए तैयार होगा। हालांकि, उन्होंने इस बात पर निराशा व्यक्त की कि यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमीर जेलेंस्की ने अमेरिकी शांति योजना पर इतनी आसानी से सहमति नहीं दी, जिससे कीव के अधिकारियों पर दबाव बढ़ गया, जिन्होंने पहले के अमेरिकी प्रस्ताव का विरोध किया था, जिसे रूस के प्रति बहुत नरम माना गया था।

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