दिल्ली में यमुना नदी का वासुदेव घाट 3.51 लाख दीयों से जगमगाया

नई दिल्ली । राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के इतिहास में पहली बार कश्मीरी गेट स्थित यमुना नदी के वासुदेव घाट पर बुधवार को दिल्ली दीपोत्सव-2024 का आयोजन किया गया। घाट को 3.51 लाख दीयों की रोशनी से जगमगाया गया। आयोजन में रोशनी और आस्था का अद्भुत संगम दृष्टिगोचर हुआ। लेजर एवं ड्रोन शो ने इसकी भव्यता में चार चांद लगा दिए। देव दीपावली, गुरु पर्व और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना के मार्गदर्शन में दिल्ली विकास प्राधिकरण ने इसका आयोजन किया। सक्सेना ने दीया प्रज्ज्वलित कर यमुना नदी में प्रवाहित किया। इस दौरान उन्होंने यमुना आरती की। लेजर एवं ड्रोन शो में जय श्रीराम की आकृति उभरने से आसमान चमक उठा।वासुदेव घाट की बारादरी में भव्य और दिव्य राम दरबार भी स्थापित किया गया।

उप राज्यपाल सक्सेना ने कहा कि दीपोत्सव दिल्ली का पहला ऐसा पर्व बनने जा रहा है, जिसका उद्देश्य न केवल दिल्लीवासियों को यमुना के प्रति जागरूक करना है बल्कि उसके करीब लाना और उसको अपनाना है। यमुना दिल्ली और यहां के लोगों की पहचान है। साफ और निर्मल बनकर अविरल बहना न केवल उसका अधिकार है बल्कि दिल्लीवासियों भी का दायित्व है कि इसमें वह अपना योगदान दें। यमुना पूजनीय हैं। सभी नदियों की तरह यमुना ने भी दिल्ली को जीवन दिया है। आज विंडबना है कि इसकी तुलना गंदे नाले से की जाती है। लगता है इसको स्वच्छ करने की इच्छाशक्ति समाप्त हो गई है। यमुना के प्रति न लगाव और न कर्तव्य रहा। दो वर्ष पहले यहां आना संभव नहीं था, लेकिन आज दीपोत्सव का आनंद ले रहे हैं।

उन्होंने दिल्ली विकास प्राधिकरण को बधाई देते हुए कहा कि डेढ़-दो साल के अंदर भव्य तट का निर्माण किया। घाट को बनारस की तरह विकसित करने की इच्छा थी। अब हफ्ते में दो बार आरती हो रही है। यमुना के तट पर लोग बैठते हैं। यह दीपोत्सव छोटा उत्सव नहीं है। दिल्ली देश की राजधानी है। हर हफ्ते ऐसे उत्सव होने चाहिए। इससे दिल्ली की जनता को जोड़ना चाहिए। यह घाट देश की समृद्धि धरोहर बनकर तैयार होगा। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष इस उत्सव को पांच लाख दीयों से रोशन किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published.