पूर्व माध्यमिक विद्यालय पलिया की बदहाली उजागर पाँच स्टाफ, केवल 12 छात्र; सुविधाएँ जर्जर, जवाबदेही गायब

 आजमगढ़ 11 दिसंबर जनपद के बिलरियागंज शिक्षा क्षेत्र अंतर्गत शिक्षा व्यवस्था की स्थिति सुधारने के सरकारी दावों के बीच पूर्व माध्यमिक विद्यालय पलिया, शिक्षा क्षेत्र बिलरियागंज की हालत कुछ और ही कहानी बयां करती है। ग्रामीणों की शिकायत पर पहुँचे पत्रकार ने स्कूल की तस्वीर देख हैरानी व्यक्त की। विद्यालय में परीक्षा चल रही थी, लंच का समय था, लेकिन पूरे परिसर में केवल 12 छात्र ही उपस्थित मिले, जबकि प्रधानाध्यापिका के द्वारा विद्यालय में 62 बच्चे रजिस्टर्ड बताए गए हैं।विद्यालय में दो रसोइया, इंचार्ज प्रधानाध्यापिका शांति देवी, अध्यापक उमेश चंद्र राय और अनुचर शशि प्रकाश यादव मौके पर मिले। स्टाफ की संख्या की तुलना में छात्रों की बेहद कम उपस्थिति कई सवाल खड़े करती है।इंचार्ज प्रधानाध्यापिका शांति देवी से पूछताछ में उन्होंने स्वीकार किया कि विद्यालय में दर्ज बच्चों की संख्या 62 है, लेकिन बच्चे स्कूल बहुत कम आते हैं। परीक्षा के दौरान मात्र 12 बच्चों की उपस्थिति पर जब उनसे रिज़ल्ट और मूल्यांकन के बारे में सवाल किया गया, तो वह कोई स्पष्ट और संतोषजनक जवाब नहीं दे सकीं। विद्यालय की मूलभूत सुविधाएँ भी बदहाली की गवाही देती हैं। परिसर में कहीं भी बाउंड्रीवॉल नहीं है, जिससे सुरक्षा पर सवाल उठते हैं। छात्र-छात्राओं के लिए बने शौचालय टूट-फूट चुके हैं, दरवाज़े गायब हैं और उपयोग योग्य स्थिति में नहीं हैं।

विद्यालय तक पहुँचने वाला पाँच कड़ी लंबा रास्ता भी उबड़-खाबड़ और खराब हालत में है, जिससे बच्चों का स्कूल पहुँचना भी चुनौती बना हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय में शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है और शिक्षक व प्रशासन इस ओर गंभीर नहीं दिखते। बच्चों की संख्या घटने और सुविधाओं की कमी से स्पष्ट है कि शिक्षा विभाग की जमीनी हकीकत कागज़ी दावों से बिल्कुल अलग है।

स्थानीय लोगों ने विभाग के उच्च अधिकारियों से विद्यालय की स्थिति सुधारने, सुविधाओं की मरम्मत कराने और नियमित निगरानी की मांग की है ताकि बच्चों को वास्तविक गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिल सके

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