लखनऊ । योगी सरकार द्वारा प्रदेश में प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स के लिए एक नई पहल की जा रही है, जिसमें उन्हें जनपद और शहर स्तर पर चिह्नित कर ब्रांड एंबेसडर के रूप में नियुक्त किया जाएगा। योगी सरकार के इस प्रयास का उद्देश्य न केवल पथ विक्रेताओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, बल्कि समाज में उनके योगदान को भी मान्यता देना है।
इस पहल के तहत 18 नवंबर से 2 दिसंबर 2024 के बीच ‘स्वनिधि भी, स्वाभिमान भी’ पखवाड़ा का शुभारंभ सोमवार से हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नगर विकास विभाग को निर्देशित किया है कि इस आयोजन में स्ट्रीट वेंडर्स और उनके परिवारों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
स्ट्रीट वेंडर्स को करेंगे जागरूक
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप योगी सरकार द्वारा पीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत, टीवीसी (टाउन वेंडिंग कमेटी) के सदस्य एवं एक्टिव पथ विक्रेताओं को स्वनिधि मित्रों के रूप में चिह्नांकित किया गया है, जो अन्य स्ट्रीट वेंडर्स को योजना का लाभ दिलवाने में मदद करेंगे। साथ ही उन्हें योजना के विभिन्न प्रावधानों के बारे में जागरूक करेंगे।
प्रदेश में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने में जुटी योगी सरकार
योगी सरकार स्ट्रीट वेंडर्स को अधिकतम डिजिटल लेनदेन के लिए प्रेरित कर रही है। इससे पहले भी विभिन्न आयोजनों जैसे स्वनिधि दीपावली, मकर संक्रांति महोत्सव आदि में स्ट्रीट वेंडर्स को सम्मानित किया जा चुका है, जिन्होंने डिजिटल माध्यम से अधिकतम कैशबैक प्राप्त किया। यह कदम प्रदेशभर में डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने और स्ट्रीट वेंडर्स की आमदनी को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
मिलेगी नि:शुल्क स्वास्थ्य और चिकित्सा सुविधा
आयोजन के दौरान स्ट्रीट वेंडर्स के लिए मुफ्त चिकित्सा शिविरों और स्वास्थ्य जांच कैंपों का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें उनके और उनके परिवार के स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाएगा। यह पहल समाज के उस वर्ग को स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचाने के प्रयास का हिस्सा है, जो आमतौर पर इन सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं।
पिछले साल भी हो चुका है स्वनिधि महोत्सव का आयोजन
उल्लेखनीय है बीते वर्ष 1 जून और 7 जुलाई को सभी जनपदों में स्वनिधि महोत्सव का आयोजन बड़े पैमाने पर किया गया था। आयोजन में स्ट्रीट वेंडर्स और उनके परिवार के सदस्यों ने भाग लिया और अपने अनुभव साझा किए थे। इसके अलावा, दीपावली मेले और मकर संक्रांति मेले के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था, जिसमें चित्रकला, स्लोगन लेखन, मेहंदी, रंगोली, नृत्य-गायन और व्यंजन बनाने की प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। इन आयोजनों का उद्देश्य पथ विक्रेताओं और उनके परिवारों को एक सकारात्मक और सशक्त मंच प्रदान करना था।