हरिद्वार । गंगा नगरी हरिद्वार के शहरी क्षेत्र में पाड टैक्सी चलाने की हलचल फिर शुरू हो गई हैं। शासन ने हरिद्वार जिला प्रशासन से इस संबंध में अब तक की प्रगति व स्टेकहोल्डर्स की आपत्तियों के संबंध में रिपोर्ट मांगी है।
पर्सनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम यानी पॉड टैक्सी जिसे हरिद्वार दर्शन परियोजना के नाम से भी जाना जाता है, के बारे में शासन से अनुसचिव स्तर पर हरिद्वार जिलाधिकारी को पत्र भेजा गया है।
अनुसचिव नरेंद्र सिंह की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि हरिद्वार शहर में पॉड टैक्सी (हरिद्वार दर्शन) परियोजना प्रस्तावित है। इस परियोजना के निष्पादन से पूर्व स्थानीय लोगों एवं सभी स्टेकहोल्डर्स (धर्म सभा, अखाड़ों, सिविल सोसायटी, व्यापार संघ तथा अन्य स्टेकहोल्डर्स) के साथ अलग-अलग बैठक कर उनके सुझावों को सुने जाने तथा उन्हें विश्वास में लेकर सहमति बनाया जाना अति आवश्यक है।
पत्र में कहा गया है कि प्रस्तावित परियोजना के निष्पादन से पूर्व आवश्यक कार्यवाही करते हुए शासन को यह आश्वासन पत्र उपलब्ध कराऐं कि परियोजना हेतु स्थानीय लोगों एवं सभी स्टेकहोल्डर्स द्वारा उठाई गई आपतियों का समाधान कर लिया गया है।
गत वर्ष मई में तत्कालीन जिलाधिकारी धीराज सिंह गबर्याल की अध्यक्षता में इसको लेकर अंतिम बैठक हुई थी। बैठक में योजना को अमल में लाने से पूर्व मंशादेवी पर्वत से बारिश में बहकर आने वाली सिल्ट के समाधान की बात कही गई थी । लेकिन इसके बाद योजना की प्रगति थम गई थी। जिससे विरोध कर रहे लोगों ने मान लिया था कि पॉड टैक्सी योजना का प्रकरण अब ठंडे बस्ते में चला गया है, लेकिन शासन द्वारा भेजे गए हालिया पत्र के बाद पॉड टैक्सी की चर्चा फिर चल पड़ी है।