कोलकाता । पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के स्कूल नौकरी घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को पांचवी अनुपूरक चार्जशीट दाखिल की है। यह चार्जशीट कोलकाता की विशेष पीएमएलए अदालत में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) 2020 के तहत दाखिल की गई है।
देर रात ईडी के बयान के अनुसार, इस नई चार्जशीट में 29 व्यक्तियों और कंपनियों के नाम शामिल हैं। यह चार्जशीट प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्तियों में हुई अनियमितताओं से जुड़ी है।
सूत्रों के मुताबिक, चार्जशीट में जिन कंपनियों के नाम हैं, उनमें कुछ कंपनियां पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी से जुड़ी हैं। ईडी ने इन कंपनियों को लंबे समय से जांच के दायरे में रखा था। अधिकारियों का मानना है कि ये कंपनियां शेल कंपनियां थीं, जिनका इस्तेमाल घोटाले से प्राप्त धन को छुपाने के लिए किया गया था।
चार्जशीट में सुजय कृष्ण भद्र से जुड़ी एक और चर्चित कंपनी लिप्स एंड बाउंड्स का भी जिक्र किया गया है। इस कंपनी के मालिक कोई और नहीं बल्कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी हैं। सुजय कृष्ण भद्र इस घोटाले के मुख्य आरोपितों में से एक हैं।
ईडी के बयान के अनुसार, इस मामले में अब तक 151.26 करोड़ रुपये की संपत्तियां और नकदी जब्त की जा चुकी हैं। इनमें जुलाई 2022 में पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के दो आवासों से बरामद 50 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और सोना शामिल है।
इस बरामदगी के बाद पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी दोनों को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, हाल ही में अर्पिता मुखर्जी को जमानत पर रिहा कर दिया गया है, जबकि पार्थ चटर्जी अभी भी न्यायिक हिरासत में हैं। इसके अलावा, इस मामले की समानांतर जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भी हाल ही में पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार दिखाया है।