महुआ मोइत्रा के बयान और रिजिजू की टिप्पणी के चलते लोकसभा की कार्यवाही दो बार स्थगित

नई दिल्ली। संविधान को अंगीकार किए जाने की 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित विशेष चर्चा में शुक्रवार को उस समय व्यवधान पड़ गया, जब तृणमूल सदस्य महुआ मोइत्रा ने जस्टिस लोया का नाम लेकर टिप्पणी की। उनके बोलने के बाद भाजपा सदस्य निशिकांत दुबे और बाद में संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने आपत्ति जताई। इसी बीच हंगामा हुआ और कार्यवाही दो बार स्थगित की गई।

शुक्रवार को संविधान को अंगीकार किए जाने की 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित विशेष चर्चा में जस्टिस लोया का नाम आया। महुआ मोइत्रा के वक्तव्य के पूरा होने के बाद निशिकांत दुबे ने कहा कि मामला न्यायिक रूप से समाप्त हो चुका है। उन्हें अपनी बातों को प्रमाणित करना चाहिए। दुबे के बयान के बाद संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने भी मोइत्रा के बयान पर आपत्ति जताते हुए कार्रवाई किए जाने की चेतावनी दी। इस पर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया। हंगामे के चलते कार्यवाही को पहले आधा घंटा के लिए और बाद में शाम 6.15 बजे तक स्थगित किया गया।

दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर विपक्ष की ओर से तृणमूल कांग्रेस नेता सौगत राय और कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने मंत्री किरेन रिजिजू के बयान पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही के नियमों के अनुसार किसी सदस्य के टिप्पणी पर दूसरे सदस्य को आपत्ति का अधिकार है लेकिन कार्रवाई का अधिकार केवल अध्यक्ष के पास है। उन्होंने महिला सदस्य को धमकाने के लिए मंत्री किरेन रिजिजू से माफी मांगने की मांग की।

लोकसभा अध्यक्ष ने दोनों के बयान सुनने के बाद सदस्यों को विषय के अंतर्गत चर्चा करने और और आरोप-प्रत्यारोप लगाने से बचने को कहा। उन्होंने महुआ मोइत्रा को अपनी बात प्रमाणित करने के लिए कहा और मंत्री के बयान में कुछ गलत पाए जाने पर उसे कार्यवाही से हटाये जाने की बात कही।

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