जब बचत की बात आती है, तो एक व्यवस्थित जमा योजना आपके लिए वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने और सुरक्षित भविष्य की योजना बनाने का सबसे अच्छा तरीका हो सकता है। आजकल निवेश के ऐसे कई तरीके हैं, जहां आप अपना पैसा लगा सकते हैं और एक अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। इहें सुरक्षा और जोखिम के आधार पर अलग-अलग कैटेगरी में रखा जा सकता है।
भारत में उपलब्ध सुरक्षित निवेश के विकल्पों में आवर्ती जमा (RD), सावधि जमा (FD) और व्यवस्थित निवेश योजना (SIP) को शामिल किया जाता है। आरडी और एफडी बैंकों और डाकघर द्वारा दी जाने वाली जमा योजनाएं हैं। एसआईपी, म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश हैं, जो आमतौर पर इक्विटी या डेट या कभी-कभी दोनों के रूप में होते हैं।
एसडीपी क्या है?
व्यवस्थित जमा योजना या एसडीपी कई मायनों में बहुत मददगार साबित होती है। इसके तहत आपको एक बार में पैसा लगाने की जरूरत नहीं होती, बल्कि आप हर महीने थोड़ा-थोड़ा पैसा लगा सकते है। यह आरडी और एफडी के समान है। जब आप एसडीपी की किसी योजना में निवेश करते हैं, तो ब्याज दर बुकिंग के समय ही तय की जाती है और बाजार के हिसाब से इसमें उतार-चढ़ाव नहीं होता। यह एसडीपी की सबसे अच्छी बात है। इसमें हर महीने जमा किए गए पैसे पर ब्याज दर अलग-अलग होती है। यानी, अगर आप सीधे 12 महीने के लिए निवेश करते हैं तो आपका रिटर्न हर महीने अलग-अलग होगा। आप हर महीने थोड़ा-थोड़ा निवेश करते है और परिपक्वता के समय आपको अच्छा-खासा पैसा मिलता है। इन दिनों कई फाइनेंस कंपनियां इसकी सुविधा दे रही हैं
यह जोखिम भरा है या सुरक्षित?
एसडीपी की तुलना अक्सर एसआईपी से की जाती है। इक्विटी वाली योजनाओं में निवेश करने के पीछे मुख्य उद्देश्य बाजार के उतार-चढ़ाव का लाभ उठाना है। शेयर बाजार बहुत अस्थिर होता है। अगर बाजार ऊपर है तो आपको अच्छा रिटर्न दे सकता है, जबकि मार्केट डाउन है तो आपको निवेश करने का अच्छा मौका मिलता है। एसडीपी के मामले ब्याज दरें इस तरह निर्धारित की जाती हैं कि निवेशक को अचानक लाभ हो सकता है। हालांकि बाद में जमा होने वाली राशि एक निश्चित तिथि पर पूर्ववर्ती जमा की तुलना में कम रिटर्न देगी।
अवधि और दरें
अलग-अलग अवधि के लिए ब्याज दर अलग-अलग होती है। अपने वित्तीय लक्ष्यों के आधार पर आप एक लचीली अवधि चुन सकते हैं। यदि आप एक अच्छा रिटर्न चाहते हैं तो लंबी अवधि के लिए पैसा लगाएं। ब्याज का भुगतान एक निश्चित अवधि के लिए संचयी आधार पर किया जाता है। संचयी योजना के तहत लागू ब्याज चक्रवृद्धि ब्याज है और इसकी गणना सालाना की जाती है। परिपक्वता के समय मूलधन के साथ आपको पूरा पैसा वापस मिल जाएगा। अंतिम राशि से नियमानुसार कर की कटौती की जाएगी।
समय से पहले भी निकल सकते हैं पैसा
एसडीपी की एक प्रमुख विशेषता यह है कि यदि आपको पैसे की जरूरत है तो आप समय से पहले जमा राशि निकाल सकते हैं। अगर आप कभी किस्त देने से चूक जाते हैं तो आपको कोई पेनल्टी भी नहीं देनी होगी।