रणजी ट्राफी के इस सीजन में मुंबई के बल्लेबाज सरफराज खान ने तीसरा शतक लगाया, साथ ही यह उनके फर्स्ट क्लास क्रिकेट का 13वां शतक रहा। दिल्ली के खिलाफ 125 रन की पारी खेलने के बाद उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा होता है कि टीम मुश्किल स्थिति में आ जाती है और फिर क्रीज पर जाने के बाद मेरी यह सोच होती है कि मैं ज्यादा से ज्यादा वक्त क्रीज पर बिता सकूं। मैं पिच के हिसाब से बल्लेबाजी करने की कोशिश करता हूं।
दिल्ली की गेंदबाजी के बारे में उन्होंने कहा कि पहले दिन दिल्ली के गेंदबाज गेंद को स्विंग करा रहे थे और हवा भी चल रही थी, लेकिन मैंने संभलकर बल्लेबाजी की। अपनी साझेदारी के बारे में सरफराज ने कहा कि मैं ज्यादातर इसी क्रम पर बल्लेबाजी करता हूं और मुझे पता है कि निचले क्रम के बल्लेबाजों के साथ किस तरह से बल्लेबाजी करनी है जिसका मुझे फायदा मिला।
उन्होंने आगे कहा कि मैं गेम को पढ़ लेता हूं और इस तरह की साझेदारी की आदत सी पड़ गई है। इस मैच में मैंने काफी संभलकर बल्लेबाजी की और शुरुआती 40 गेंदों पर मेरे 12 रन थे। मैं गेंदबाजों को परखने की कोशिश कर रहा था और फिर मैंने रन बनाना शुरू किया।
सरफराज ने स्कोर बोर्ड को बंद कराने के बारे में कहा कि हमारी टीम में कई खिलाड़ियों को पसंद नहीं है कि हम स्कोर बोर्ड देखें। हम बस रन बनाना चाहते हैं और स्कोर देखकर परेशानी हो सकती है। टीम से सपोर्ट के बारे में उन्होंने कहा कि मुझे सब सपोर्ट करते हैं। कोच भी हमें कहते हैं कि अगर विकेट जल्दी जाती है तो आप रन बना सकते हो।
सरफराज ने कहा कि मैं टीम के भरोसे पर खरा उतरने की कोशिश करता हूं। फर्स्ट क्लास में अपने रिकार्ड के बारे में उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि डान ब्रेडमैन के रिकार्ड के थोड़ा आसपास हूं। अपनी बल्लेबाजी क्रम के बारे में उन्होंने कहा कि टीम की जरूरत के हिसाब से किसी भी क्रम पर बल्लेबाजी के लिए तैयार हूं।