दोनों देशो के बीच राजनयिक संबंध के 65 साल पूरे,  अब्दुल्ला ने की भारत जमकर तारीफ

मलेशिया के विदेश मंत्री दातुक सेरी सैफुद्दीन अब्दुल्ला ने कहा कि दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है और दोनों देशों के सभ्यतागत संबंधों ने संबंधों को और भी खास बना दिया है।

भारत और मलेशिया के बीच राजनयिक संबंध के 65 साल पूरे हो गए। इस मौके पर कुआलालंपुर कन्वेंशन में इंडिया-मलेशिया@65 कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मलेशिया के विदेश मंत्री दातुक सेरी सैफुद्दीन अब्दुल्ला ने भारत की जमकर तारीफ की। उन्होंने कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि हमारे संबंध 65 साल के आधिकारिक द्विपक्षीय संबंधों से पहले के हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत और मलेशिया के लोगों के बीच संबंध सिर्फ एक द्विपक्षीय संबंध नहीं है बल्कि एक सभ्यतागत संबंध है।

मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है और दोनों देशों के सभ्यतागत संबंधों ने संबंधों को और भी खास बना दिया है।

मलेशिया के विदेश मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि भारत और मलेशिया के बीच संबंध 2010 में रणनीतिक साझेदारी से बढ़कर 2015 में एक उन्नत रणनीतिक साझेदारी तक हो गए थे, जिसमें सांस्कृतिक कूटनीति, डिजिटल अर्थव्यवस्था और कृषि कमोडिटी में नए सहयोग शामिल थे।

दोनो देशों के बीच हुए हैं ये प्रमुख समझौते

बता दें कि अभी हाल ही में दोनों देशों के बीच 2015 में हस्ताक्षरित साइबर सुरक्षा पर एक समझौता ज्ञापन, सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम (2015), एक संशोधित वायु सेवा समझौता (2017), मलेशिया पाम ऑयल बोर्ड (MPOB) और रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान के बीच एक समझौता ज्ञापन शामिल हैं। आईसीटी, भारत (2017), और AIU और MQA (2017) के बीच शैक्षिक डिग्री और प्रमाण पत्र की पारस्परिक मान्यता का समझौता ज्ञापन भी शामिल है।

भारत और मलेशिया ने एक द्विपक्षीय व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (CECA) पर हस्ताक्षर किए जिसमें माल, सेवाओं और निवेश को शामिल किया गया जो जुलाई 2011 में लागू हुआ। तब से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार भी लगातार बढ़ रहा है। 2015 और 2020 के बीच, व्यापार में 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई।

इन सालों में दोनों देशों के बीच 20 से अधिक द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जो कभी ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के अधीन थे और अब राष्ट्रमंडल राष्ट्रों के पूर्ण सदस्य हैं।

मलेशियाई सरकार के आंकड़ों के आधार पर दोनों देशों के बीच 2020 में कुल 16.66 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सामानों का आदान-प्रदान किया गया। इसमें भारत ने उस वर्ष 10.8 बिलियन अमरीकी डालर के मूल्य पर मलेशियाई उत्पादों का आयात किया।

गौरतलब है कि मलेशिया और भारत ने पहली बार 1957 में मलाया की स्वतंत्रता संघ और औपनिवेशिक शासन के अंत के बाद आधिकारिक राजनयिक संबंध स्थापित किए। मलेशिया की 33 मिलियन की आबादी में से लगभग सात प्रतिशत (2.3 मिलियन लोग) भारतीय मूल के हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.