कोलकाता । तृणमूल कांग्रेस में जारी अंतरकलह को लेकर पार्टी सुप्रीमो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्पष्ट निर्देश दिया है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया है कि सीएम ने एक तरह से अभिषेक बनर्जी के गुट को साफ मैसेज देते हुए कहा है कि जब तक वह हैं, तब तक उन्हीं का फैसला अंतिम फैसला होगा।
दरअसल सोमवार को विधानसभा में उपचुनावों में विजयी हुए तृणमूल के छह विधायकों के शपथ ग्रहण के बाद ममता ने पार्टी के विधायकों के साथ एक बैठक की थी। इसमें शामिल एक विधायक ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर मंगलवार सुबह बताया कि मुख्यमंत्री ने पार्टी के भीतर विवाद पर कड़ा रुख अख्तियार किया है। इस बैठक में तृणमूल के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रत बक्शी भी मौजूद थे, जिन्हें ममता का करीबी माना जाता है।
हाल ही में अभिषेक बनर्जी ने एक बयान में कहा था कि वह “मैं” के बजाय “हम” में विश्वास करते हैं और टीमवर्क को महत्व देते हैं। इस पर ममता बनर्जी ने सोमवार को जवाब देते हुए कहा कि पार्टी में अंतिम निर्णय वही लेंगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी में दूसरा कोई शक्ति केंद्र नहीं है।ममता ने विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि वह और सुब्रत बक्शी मिलकर पार्टी को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जितनी जल्दी हो सके पार्टी के छात्र और युवा संगठनों में बदलाव किए जाएंगे।
ममता का यह बयान बीते शुक्रवार से शुरू हुई घटनाओं की एक कड़ी है। राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में ममता ने वरिष्ठ नेताओं को शामिल किया था, जिन्हें उनका करीबी और विश्वासपात्र माना जाता है। इसके बाद, संसद में पार्टी के रुख को लेकर हुए विवाद में ममता ने कहा था कि यह निर्णय किसी एक व्यक्ति का नहीं बल्कि पूरी संसदीय टीम का होगा।शनिवार को डायमंड हार्बर में एक कार्यक्रम में अभिषेक बनर्जी ने कहा था कि वह चुनौतियों का सामना करना पसंद करते हैं और स्थिरता को नापसंद करते हैं। इसके दो दिन बाद ममता ने पार्टी विधायकों की बैठक बुलाकर यह स्पष्ट कर दिया कि वह ही पार्टी की चेयरपर्सन हैं और अंतिम निर्णय उन्हीं का होगा।