बिरसा मुंडा ने वनवासी संस्कृति को बचाने के लिए संघर्ष किया : लक्ष्मण आचार्य

लखनऊ । आदिवासी उत्थान समिति की ओर से बुधवार को डिप्लोमा इंजीनियर संघ भवन में आदिवासी गौरव दिवस संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का शुभारम्भ असम एवं मणिपुर के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। आदिवासी गौरव दिवस पर मंचस्थ अतिथियों ने आदिवासी नायक भगवान बिरसा मुंडा और महारानी दुर्गावती के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर संगोष्ठी को संबोधित करते हुए असम एवं मणिपुर के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने कहा कि भगवान बिरसा ​मुंडा ने वनवासियों के हितों की रक्षा एवं वनवासी संस्कृति को बचाने के लिए संघर्ष किया। उन्होंने जंगल व जमीन को बचाने के लिए अंग्रेजों से संघर्ष किया। वनवासी समाज बिरसा मुंडा को भगवान मानता है। असम एवं मणिपुर के राज्यपाल ने कहा कि वनवासी समाज प्रकृति पूजक है। वह सच्चा और सनातनी हिन्दू हैं। उन्होंने अपनी संस्कृति और परम्पराओं को जीवंत रखा है।

भाजपा के विधान परिषद सदस्य लालजी प्रसाद निर्मल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 15 नवंबर को “राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस” के रूप में घोषित किया ताकि पूरा देश जनजातीय समाज के योगदान को याद कर सके। भाजपा अनुसूचित मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष संयज गौड़ ने कहा कि भाजपा की सरकार में वनवासियों के उत्थान के लिए अनेक काम हुए हैं।

समिति की ओर से असम एवं मणिपुर के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को भगवान बुद्ध की प्रतिमा भेंटकर स्वागत किया गया। इस अवसर पर मुन्ना खरवार व डा. रामानन्द समेत बड़ी संख्या में समिति से जुड़े कार्यकर्ता उपस्थिति रहे।

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