
आज बैकुंठ चतुर्दशी व्रत रखा जा रहा है। मान्यता है कि आज भगवान शिव और भगवान विष्णु की एक साथ पूजा करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और उनकी सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है।
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन बैकुंठ चतुर्दशी व्रत रखा जाता है। यह व्रत आज यानि 6 नवम्बर 2022 के दिन पूर्ण श्रद्धाभाव से रखा जा रहा है। शास्त्रों में बताया गया है कि आज के दिन भगवान विष्णु और महादेव की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि कार्तिक मास भगवान विष्णु का प्रिय महीना है। साथ ही केवल इसी दिन भगवान शिव वह चीजें अर्पित की जाती हैं जो भगवान विष्णु को प्रिय और ऐसा ही भगवान विष्णु की पूजा के दौरान किया जाता है। शास्त्रों में इस हरि-हर को प्रसन्न करने के लिए कुछ मंत्र बताए हैं जिनका शुद्ध उच्चारण करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है।
भगवान विष्णु के मंत्र
* श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे।
हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
* ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
* दन्ताभये चक्र दरो दधानं,
कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया
लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।
भगवान शिव के चमत्कारी मंत्र
* ॐ नमः शिवाय
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ।।
* ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि । तन्नो रुद्रः प्रचोदयात् ।।
* करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं वा श्रवणनयनजं वा मानसंवापराधं ।
विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो ।।
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