आइए जानते हैं इस मास में पड़ने वाले व्रत एवं त्योंहारों की सूची और उनका महत्व..

वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि से अप्रैल महीने का दूसरा सप्ताह शुरू होने जा रहा है। आइए जानते हैं इस मास में पड़ने वाले व्रत एवं त्योंहारों की सूची और उनका महत्व।

 अप्रैल मास का दूसरा महीना शुरू होने वाला है। बता दें कि हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि से अप्रैल मास का दूसरा सप्ताह शुरू हो रहा है। इस सप्ताह में कई महत्वपूर्ण व्रत एवं त्यौहार मनाए जाएंगे। बता दें कि अप्रैल मास के दूसरे सप्ताह में कालाष्टमी, मेष संक्रांति, और मासिक एकादशी व्रत जसे महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे। साथ ही इस सप्ताह में खरमास की समाप्ति हो रही है। ऐसे में आइए जानते हैं इस सप्ताह में पढ़ने वाले व्रत एवं त्योहारों की सूची और उनका महत्व।

13 अप्रैल 2023, गुरुवार- मासिक कालाष्टमी

हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन भगवान काल भैरव की पूजा की जाती है। इस दिन को मासिक कालाष्टमी के रूप में भी जाना जाता है। मान्यता है कि भगवान काल भैरव की विधिवत पूजा करने से सभी दुख और दर्द दूर हो जाते हैं। इस विशेष दिन पर बगलामुखी देवी की उपासना को भी बहुत ही फलदाई माना जाता है।

14 अप्रैल 2023, शुक्रवार- मेष संक्रांति, बैसाखी, खरमास समाप्त

ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि जब सूर्यदेव एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, तो उसे संक्रांति के नाम से जाना जाता है। वैशाख मास में सूर्य, मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेंगे, जिसका प्रभाव सभी राशियों पर अलग-अलग रूप से पड़ेगा। इसके साथ इसी दिन बैसाखी भी मनाई जाएगी, जिसे सिख धर्म में खुशियों का प्रतीक माना जाता है। इस दिन लोग गुरूद्वारे में अमृतवाणी का पाठ सुनते हैं माथा टेकते हैं। साथ ही इस विशेष दिन पर खरमास की समाप्ति भी हो रही है। शास्त्रों के अनुसार, खरमास समाप्ति के साथ ही सभी मांगलिक कार्य पुनः शुरू हो जाते हैं। इस दिन खरमास दोपहर 02 बजकर 59 मिनट पर समाप्त हो रहा है।

16 अप्रैल 2023, रविवार- वरुथिनी एकादशी

प्रत्येक मास में दो एकादशी व्रत रखे जाते हैं, इनमें से वैशाख मास का पहला एकादशी व्रत वरुथिनी एकादशी व्रत के रूप में रखा जाएगा। इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु की विधिवत उपासना करने से और व्रत का पालन करने से सभी दुख दूर हो जाते हैं। साथ ही साधक को पुण्य की प्राप्ति होती है। मान्यता यह भी है कि वरुथिनी एकादशी व्रत के दिन स्नान-दान करने से व्यक्ति को सुख, समृद्धि एवं सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Time limit exceeded. Please complete the captcha once again.