अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर कोई फैसला लिया जा सकता है लेकिन बैठक को कर दिया गया रद्द..

अयोध्या में भारतीय कुश्ती फेडरेशन की जनरल काउंसिल की बैठक को रद्द कर दिया गया है। भारतीय कुश्ती फेडरेशन में जारी उठापठक के बीच यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि WFI के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह कोई फैसला लिया जा सकता है लेकिन अचानक कार्यकारिणी की इस बैठक को रद्द कर दिया गया। बैठक रद्द करने का फैसला खेल मंत्रालय की रोक के चलते लिया गया है। ताजा जानकारी के अनुसार अब यह बैठक चार हफ्तों तक नहीं होगी। आज की इस बैठक में बृजभूषण सिंह अपना पक्ष कार्यकारिणी के सदस्यों के सामने रखने वाले थे।

फिलहाल खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ की सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी है। खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ को यह निर्देश दिया है कि सभी टूर्नामेंट रद्द करे। रैंकिंग टूर्नामेंट भी रद्द करने के निर्देश दिए गए हैं। यहां तक कि गोंडा में चल रहे टूर्नामेंट भी रद्द करने के निर्देश दिए गए हैं। खेल मंत्रालय के फैसले के बाद अब 4 हफ्ते तक कुश्ती महासंघ की ना कोई बैठक होगी या ना ही कोई कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

गोंडा में अपनी ही महफिल में बेगाने रहे बृजभूषण

अखाड़े में पहलवानों के दांव और दर्शक दीर्घा में गूंजती तालियों के बीच गायब थी तो कमेंट्री करती बृजभूषण शरण की चिरपरिचित आवाज। खेल जगत को हिला देने वाले आरोपों के बाद कठघरे में खड़े बृजभूषण की भावभंगिमा बता रही थी कि प्रतियोगिता में केवल उनका शरीर मौजूद है। पिछले दस साल से पहलवानों के हर दांव पर घूम-घूमकर माइक से हौसला बढ़ाने वाले सांसद पूरा दिन खामोश रहे। उनकी चुप्पी दर्शकों व अतिथियों में चर्चा का विषय रही। आरोपों पर भले ही वह मुखर रहे हों लेकिन उनका मौन बहुत कुछ व्यक्त कर रहा था। उन्होंने शुक्रवार को कहा था कि वह बोलेंगे तो सुनामी आ जाएगी, लेकिन खामोशी ने सब हाल बयां कर दिया।

गोंडा के नंदिनीनगर स्टेडियम में शनिवार को शुरू हुई तीन दिवसीय ओपेन सीनियर राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता के आयोजन पर राष्ट्रीय मीडिया व स्थानीय लोगों की निगाहें टिकी रहीं। मंच पर दहाड़ने वाले भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष राष्ट्रीय प्रतियोगिता शुरू होने से पहले मंच पर तो पहुंचे, लेकिन उद्घाटन व पहलवानों से दूर रहे। वह दिन भर कुश्ती तो देखते रहे, लेकिन मौन साधे रहे।

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