हिन्दू पंचांग के अनुसार जल्द ही फाल्गुन मास प्रारंभ होने जा रहा है। सनातन धर्म में इस मास को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। मान्यता है कि फाल्गुन मास में उपवास एवं पूजा-पाठ करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और साधकों को विशेष लाभ मिलता है। इस मास में पवित्र स्नना और दान को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। बता दें कि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को सोमवती अमावस्या व्रत रखा जाएगा। सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का भी विशेष महत्व है। आइए जानते हैं फाल्गुन मास में कब रखा जाएगा सोमवती अमावस्या व्रत और जानिए इस व्रत का अध्यात्मिक महत्व।
सोमवती अमावस्या 2023 तिथि
फाल्गुन कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि प्रारंभ: 19 फरवरी 2023, दोपहर 02 बजकर 48 मिनट से
फाल्गुन कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि समाप्त: 20 फरवरी 2023, सोमवार, सुबह 11 बजकर 05 मिनट पर
उदया तिथि के अनुसार सोमवती अमावस्या व्रत 20 फरवरी 2023 के दिन रखा जाएगा। इस दिन स्नान के लिए सुबह ब्रह्म मुहूर्त समय उत्तम है। पंचांग के अनुसार सोमवती अमावस्या पर अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। इस अवधि में अन्न, धन या वस्त्र का दान करने से विशेष लाभ मिलता है।
सोमवती अमावस्या तर्पण महत्व
शास्त्रों के अनुसार सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र स्नान एवं दान के साथ-साथ तर्पण आदि का भी विशेष महत्व है। इस दिन स्नान के बाद पितरों के आत्मा की शांति के लिए तर्पण आदि जरूर करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है और पितर प्रसन्न होते हैं। साथ ही इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करने से सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है और जीवन में सभी दुखों का नाश हो जाता है। इसके साथ साधकों को कई प्रकार के दोष से मुक्ति प्राप्त हो जाती है। इस दिन पीपल वृक्ष की पूजा का भी विशेष महत्व है।
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