आइए जानते हैं कि पोहा और चावल के न्यूट्रिशनल वेल्यू में कितना फर्क है?

सुबह के नाश्ते में लोग कुछ ऐसा खाना पसंद करते हैं जिसे बनाने में समय न लगे और हेल्दी भी हो। ऐसे में ज्यादातर की पसंद पोहा होता है। चावल से बनने वाले पोहे को बड़े शौक से नाश्ते में खाया जाता है और हेल्दी भी माना जाता है। वहीं चावल वजन बढ़ाने और हेवी होने के लिए बदनाम हैं। तो ऐसे में पोहा ज्यादा हेल्दी कैसे?

 पोहा भारत में खाया जाने वाला एक पसंदीदा नाश्ता है। यह न सिर्फ पाचन के लिए हल्का होता है, बल्कि इसे सुबह के नाश्ते के लिए हेल्दी भी माना जाता है। वहीं, चावल मोटापे और ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाने के लिए बदनाम हैं। जबकि पोहा और चावल एक ही तरह के अनाज से बनते हैं, तो दोनों में इतना फर्क क्यों? हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो पोहे में चावल की तुलना कैलोरी का स्तर कम होता है और फाइबर भी ज्यादा होता। यही वजह है कि पोहे को ज्यादा हेल्दी माना गया है।

न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?

पोहा पॉलिश्ड नहीं होता और इसमें फाइबर की मात्रा भी काफी ज्यादा होती है। यह फाइबर ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल में रखता है, जिससे पाचन बेहतर होता है। इसके अलावा पोहा आयरन से ही भरपूर होता है, जो उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिन्में अनीमिया का खतरा है।

चावल से पोहा बनाने का प्रोसेस आयरन की मात्रा को बढ़ा देता है। आयरन के अवशोषण को बढ़ाने के लिए आप पोहे में नींबू का रस डाल सकते हैं। साथ ही पोहा आपका पेट भर देता है, जिससे आप जरूरत से ज्यादा खाने से बचते हैं और वजन बढ़ने का खतरा नहीं रहता। इसके अलावा पोहे को फर्मेंट किया जाता है, जिसकी वजह से यह प्रोबायोटिक की तरह काम करता है, जो गट की सेहत को बढ़ावा देता है।

पोहा vs चावल

फाइबर से भरपूर होता है

पोहे में चावल के मुकाबले ज्यादा फाइबर होता है, क्योंकि इसे कम से कम प्रोसेस किया जाता है। पाचन को हेल्दी बनाए रखने के लिए, भूख को शांत करने के लिए और ब्लड शुगर के स्तर को बनाए रखने के लिए फाइबर बेहद जरूरी होता है। पोहा में फाइबर की उच्च मात्रा आपकी भूख को लंबे समय तक शांत रखती है और आप जंक खाने से बचते हैं।

आयरन से भरपूर

पोहे में आयरन की मात्रा भी काफी अच्छी होती है। आयरन रेड ब्लड सेल्स के उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण होता है, जो अनीमिया जैसी जानलेवा स्थिति से बचाता है। इसलिए जिन लोगों में आयरन की कमी है, उनके लिए पोहे का सेवन फायदेमंद हो सकता है।

कैलोरी की मात्रा कम होती है

पके हुए चावलों की तुलना पोहे में कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है। इसे ज्यादा देर पकाना नहीं पड़ता, जिससे यह हल्का रहता है। अगर आप कैलोरी को लेकर सतर्क रहते हैं, तो यह आपके लिए एक अच्छा ऑप्शन है।

पोहे को पकाना है आसान

वैसे तो चावल को पकाना भी आसान ही होता है। लेकिन चावल के मुकाबले पोहा नाश्ते में ज्यादा खाया जाता है। पोहा पसंदीदा ब्रेकफास्ट भी है, क्योंकि इसे पकाना बेहद आसान है और ज्यादा समय भी नहीं लगता। आप इसे कई तरह से तैयार कर सकते हैं। इसमें सब्जियां डालें, मसालों का उपयोग करें, जो इसका स्वाद दोगुना कर देते हैं।

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