आज आपको बताते हैं कि केबिनेट मंत्री राज्यमंत्री और राज्यमंत्री में क्या हा अंतर.. 

केंद्रीय मंत्रिमंडल में तीन तरह के मंत्री होते हैं- कैबिनेट मंत्री राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और राज्यमंत्री। इनमें कैबिनेट मंत्री सबसे पावरफुल होता है। वो सीधे पीएम को रिपोर्ट करता है। आपको बताते हैं कि बिनेट मंत्री राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और राज्यमंत्री में क्या अंतर होता है।

 केंद्रीय मंत्रिमंडल में गुरुवार को बड़ा फेरबदल हुआ है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू का मंत्रालय बदल दिया गया है। किरेन रिजिजू को अब पृथ्वी विज्ञान मंत्री बनाया गया है। वहीं, अर्जुन राम मेघवाल अब कानून मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालेंगे। मेघवाल को स्वतंत्र प्रभार दिया गया है। मेघवाल से पहले किरेन रिजिजू के पास कानून मंत्रालय था।

कैसा होता है केंद्रीय मंत्रिमंडल?

केंद्रीय मंत्रिमंडल में तीन तरह के मंत्री होते हैं। पहले नंबर पर आते है कैबिनेट मंत्री। इसके बाद राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और फिर राज्य मंत्री आते हैं। इनमें कैबिनेट मंत्री के पास सबसे ज्यादा शक्तियां होती हैं। आपको बताते हैं कि कैबिनेट, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और राज्य मंत्री किस तरह काम करते हैं।

कैबिनेट मंत्री

सबसे योग्य सांसदों को कैबिनेट मंत्री बनाया जाता है। इनके पास अपने मंत्रालय की पूरी जिम्मेदारी होती है। कैबिनेट मंत्री के पास एक से अधिक मंत्रालय भी हो सकते हैं। हर हफ्ते कैबिनेट की बैठक होती है। बैठक में कैबिनेट मंत्री का शामिल होना अनिवार्य होता है। सरकार अपने सभी फैसले कैबिनेट की बैठक में लेती है।

राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)

इन्हें जूनियर मंत्री कहा जाता है। राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सीधे पीएम को ही रिपोर्ट करते हैं। इन्हें जो मंत्रालय दिया जाता है, उसकी जिम्मेदारी इन्हीं के पास होती है। ये कैबिनेट की बैठक में शामिल नहीं होते हैं और ना ही कैबिनेट मंत्री के प्रति इनकी जवाबदेही होती है।

राज्यमंत्री

कैबिनेट मंत्री के सहयोग के लिए राज्यमंत्री बनाए जाते हैं। ये कैबिनेट मंत्री को रिपोर्ट करते हैं। आमतौर पर कैबिनेट मंत्री के नीचे एक या दो राज्यमंत्री होते हैं।

कितनी मिलती है सैलरी?

कैबिनेट मंत्री को हर महीने एक लाख रुपये तनख्वाह मिलती है। इसके अलावा निर्वाचन क्षेत्र भत्ता के लिए 70 हजार, कार्यालय भत्ता के लिए 60 हजार और सत्कार भत्ता के लिए दो हजार रुपये मिलते हैं। वहीं, राज्यमंत्रियों को एक हजार रुपये रोजाना सत्कार भत्ता मिलता है। इसके अलावा उन्हें यात्रा भत्ता या यात्रा सुविधाएं, रेल यात्रा सुविधाएं, आवास, टेलीफोन सुविधाएं भी दी जाती हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Time limit exceeded. Please complete the captcha once again.