आतंकियों को पंजाब में बजरंग दल के नेता और साधुओं की हत्या का टास्क दिया गया था..

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जहांगीरपुरी इलाके से पकड़े गए आतंकी नौशाद और जगजीत सिंह मामले में कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया है। पुलिस ने बताया कि आतंकियों को पंजाब में बजरंग दल के नेता और साधुओं की हत्या का टास्क दिया गया था।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ की बड़ी साजिश का पर्दाफाश करते हुए पटियाला हाउस कोर्ट में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोपपत्र दाखिल किया है।

बता दें कि इस वर्ष जनवरी में स्पेशल सेल ने जहांगीरपुरी इलाके से पकड़े गए आतंकी नौशाद और जगजीत सिंह को आइएसआइ की ओर से लाल किले पर सुरक्षा में तैनात जवानों पर फायरिंग कर हमला करने के अलावा पंजाब में बजरंग दल के नेता और हरिद्वार में साधुओं की हत्या का टास्क दिया गया था। बजरंग दल के नेता की हत्या के लिए दोनों को दो लाख रुपये भेजे गए थे। इसी मामले में 10 मई को आरोपपत्र दाखिल किया गया है।

आरोपपत्र में बताया गया है कि नौशाद पाकिस्तान में बैठे आइएसआइ के हैंडलर और लश्कर के आतंकी सोहैल के संपर्क में था, जबकि जगजीत विदेश में बैठे गैंगस्टर और खालिस्तान समर्थक आतंकी अर्श डल्ला के संपर्क में था। साथ ही दोनों आतंकी पाकिस्तान में हरकत-उल-अंसार के नजीर भट, नासिर खान, नजीर खान और हिजबुल मुजाहिदीन के नदीम के संपर्क में भी थे। सभी को आइएसआइ के निर्देश पर काम करने के लिए कहा जाता था।

हिंदू युवक की हत्या कर वीडियो पाकिस्तानी हैंडलर को भेजा था

नौशाद और जगजीत ने अपने हैंडलर का भरोसा जीतने के लिए एक हिंदू लड़के राज कुमार का अपहरण कर उसे भलस्वा डेयरी ले गए। दोनों ने वहां उसका गला रेता और इसका वीडियो पाकिस्तान में बैठे अपने हैंडलर को भेजा था। उसके बाद हैंडलर का भरोसा दोनों पर बढ़ गया था। राजा के हाथ पर भगवान शिव का टैटू बना था।

बता दें कि नौशाद पाकिस्तान के आतंकी संगठन हरकत-उल-अंसार का सदस्य है। हत्या के दो मामले में शामिल नौशाद को उम्रकैद की सजा मिल चुकी है। बम धमाके के मामले में भी उसे 10 वर्ष की सजा हुई है। वहीं, जगजीत सिंह बंबीहा गिरोह का सदस्य है और हत्या के मामले में पैरोल जंप कर चुका है। इसने अर्ष डल्ला के कहने पर आतंक की राह पकड़ी।

टारगेट पूरा करने पर मिलते थे एक-एक करोड़ रुपये

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा बुधवार को पटियाला हाउस कोर्ट में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत दो आतंकियों के खिलाफ दायर आरोपपत्र में कहा गया है कि प्रत्येक टारगेट को पूरा करने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ से उन्हें एक-एक करोड़ रुपये देने का वादा किया गया था। हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों को ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह के घर में ठहरने के लिए निर्देश दिया गया था, क्योंकि उसका घर पूरी तरह से सुरक्षित था।

आरोपपत्र के मुताबिक जगजीत सिंह जस्सा उर्फ याकूब व नौशाद को शिवसेना के एक नेता को खत्म करने का प्रस्ताव दिया गया था। इसके लिए उन्हें एक करोड़ रुपये देने का वादा किया गया था। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के एक पदाधिकारी, बजरंग दल के एक नेता और एक अंतरराष्ट्रीय विरोधी खालिस्तानी आतंकवादी मोर्चे के पदाधिकारी की हत्या की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी। इसके लिए डेढ़-डेढ़ करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव दिया गया था। इतना ही नहीं, बजरंग दल के पदाधिकारी की हत्या के लिए नौशाद को हवाला के जरिये दो लाख रुपये अग्रिम के तौर पर मिल भी गए थे। इसी वर्ष 27 जनवरी को उसे इनकी हत्या करनी थी। हरिद्वार में दो साधु की हत्या और लाल किले पर हमला करने के लिए भी कहा गया था।

आरोपपत्र के मुताबिक लाल किले पर सुरक्षाकर्मियों को गोली मारने के अलावा परिसर में ग्रेनेड फेंकने के लिए भी कहा गया था। इसके लिए आइएसआइ ने उन्हें दो हथगोले भी मुहैया कराए थे, जिन्हें पुलिस ने बरामद कर लिया था। हत्या को सिख फार जस्टिस, नामित आतंकी अर्श डल्ला और आइएसआइ समर्थित खालिस्तानी गुटों द्वारा वित्त पोषित किया जाना था।

चैट के बाद आरोपपत्र में हुआ विस्तार

चैट का हवाला देते हुए आरोपपत्र में विस्तार से बताया गया है कि कैसे आइएसआइ का ‘केटू’, यानी कश्मीर-खालिस्तान डेस्क उस क्रूरता से प्रभावित था, जो दोनों ने उत्तर-पश्चिम दिल्ली के रहने वाले राज कुमार नामक युवक पर किया था। उसे इन्होंने अपना लक्ष्य इसलिए चुना था, क्योंकि उसके हाथ पर त्रिशूल का टैटू बना था। यह उनका पहला काम था, जिसे उन्होंने 15 दिसंबर, 2022 को पूरा किया। उन्होंने अपने आइएसआइ हैंडलर को सिर काटने का वीडियो भी भेजा था। इससे पहले कि वे दूसरों को मार पाते, विदेशी आकाओं के साथ उनकी कुछ बातचीत को इंटरसेप्ट करने के बाद स्पेशल सेल ने उन्हें दबोच लिया था।

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