आधार कार्ड को भारत के डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए बेहतरीन माना गया..

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत में नागरिकों की पहचान के लिए इस्तेमाल होने वाले आधार कार्ड को भारत के डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए बेहतरीन माना है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा है कि यह दूसरे देशों के लिए एक बेहतरीन उदाहरण बनता है।

 अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत के डिजिटल ट्रांसफोर्मेशन को दूसरे देशों के लिए एक बेहतरीन उदाहरण माना है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने एक वर्किंग पेपर में कहा है कि विश्व स्तरीय डिजिटल सार्वजनिक आधारभूत संरचना विकसित करने में भारत की यात्रा डिजिटल ट्रांसफोर्मेशन के पथ पर अग्रसर देशों के लिए अपने आप में एक बड़ा उदाहरण है।

दूसरे देशों के लिए भारत एक उदाहरण

वर्किंग पेपर ‘स्टैकिंग अप द बेनिफिट्स लेसन्स फ्रॉम इंडियाज डिजिटल जर्नी’ में कहा गया है कि भारत के स्टैक का विकास एक मूलभूत बिल्डिंग ब्लॉक दृष्टिकोण द्वारा निर्देशित है। इतना ही नहीं, यह पारिस्थितिकी तंत्र में नवाचार का समर्थन करने पर ध्यान केंद्रित करता है। बिल्डिंग ब्लॉक दृष्टिकोण में समस्याओं के एक समूह के समाधान के घटकों को खोलना और न्यूनतम सामान्य कोर की पहचान करना शामिल है।

वर्किंग पेपर के अनुसार, भारत जैसे विविधतापूर्ण देश के लिए, एक बिल्डिंग ब्लॉक दृष्टिकोण उन्हें समस्या के समाधान के लिए बुनियादी उपकरण प्रदान करता है। एक जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र के समर्थन पर ध्यान केंद्रित करना विभिन्न डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI) और एक प्रतियोगिता-केंद्रित डिज़ाइन के बीच अंतर की आवश्यकता को दर्शाती है।

इंटरऑपरेबिलिटी को खुले मानकों के माध्यम से समर्थन

भारत में, इंटरऑपरेबिलिटी को खुले मानकों के माध्यम से समर्थित किया गया था। यही वजह रही कि हर किसी को इंडिया स्टैक द्वारा प्रदान की गई कार्यक्षमता का उपयोग करने की अनुमति मिली। ये सिद्धांत शिक्षा और स्वास्थ्य में अन्य डीपीआई पर लागू होते हैं। इनमें कोविड-19 वैक्सीन और वितरण प्लेटफॉर्म भी शामिल हैं।

एक डिजिटल बैकबोन का उपयोग करने से भारत को अपने वैक्सीन वितरण को तेजी से बढ़ाने और आंतरिक प्रवासन जैसी चुनौतियों से निपटने में मदद मिली। CoWIN अंतर्निहित तकनीक को भारत की तरह ही दूसरे देशों जैसे इंडोनेशिया, फिलीपींस, श्रीलंका और जमैका में उनके टीकाकरण कार्यक्रमों को सुविधाजनक बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।

भारत के नागरिकों के लिए आधार 

वर्किंग पेपर ‘स्टैकिंग अप द बेनिफिट्स लेसन्स फ्रॉम इंडियाज डिजिटल जर्नी’ में कहा गया है कि भारत ने आइडेंटिटी लेयर के विकास में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के महत्व को भी पहचाना।

आधार कार्ड से पहले भारत में विभिन्न डेटाबेस (पैन कार्ड, राशन कार्ड) पहचान पत्र का इस्तेमाल होता था, हालांकि पहचान के लिए एक अरब से अधिक नागरिकों वाले देश में ये डॉक्यूमेंट बहुत बेहतर नहीं थे। ऐसे में आधार कार्ड को लाना भी भारत का अच्छा कदम था।

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