
नवरात्रि पर्व में मां आदिशक्ति के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। इन 9 दिनों में मां दुर्गा की पूजा करने से भक्तों को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और दुख-दर्द दूर हो जाते हैं।
सितंबर को मां दुर्गा अपने भक्तों के घर पधार रही हैं। 9 दिनों तक धूमधाम से मनाया जाने वाला इस पर्व में भक्त मां आदिशक्ति के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं। मान्यता है कि इन 9 दिनों में मां दुर्गा की पूजा करने से भक्तों को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और उनके जीवन से सभी प्रकार के कष्ट और दुख दूर हो जाते हैं। इस वर्ष में मां आदिशक्ति हाथी (Navratri 2022 Puja) पर सवार होकर अपने भक्तों के पास आ रही हैं। देश भर में 9 दिनों तक विभिन्न प्रकार के पंडाल सजाए जाते हैं और मां की विशेष पूजा की जाती है। आइए जानते हैं कि किस दिशा में रखनी चाहिए मां दुर्गा की प्रतिमा और इस दौरान किन चीजों से बचना चाहिए।
प्रतिमा की स्थापना
वास्तु के अनुसार पूर्व दिशा में भगवान की मूर्ति स्थापित करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसलिए मां दुर्गा की मूर्ति को भी पूर्व दिशा में ही स्थापित करें। साथ ही मान्यता यह भी है कि पूर्व दिशा से अलौकिक शक्तियों का प्रवाह होता है जिससे घर परिवार में सभी कार्य सफल होते हैं। लेकिन दुर्गा पूजा के दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
नवरात्रि के दौरान करें इन नियमों का पालन
- नवरात्रि के दौरान नाखून बाल दाढ़ी इत्यादि काटना वर्जित है। ऐसा करने से कई प्रकार के दोष आपको परेशान कर सकते हैं।
- सुबह और संध्या काल में मां दुर्गा के सप्तशती पाठ का जाप जरूर करें और मां को मीठी चीजों का भोग अवश्य लगाएं। इससे मां प्रसन्न होती हैं और आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
- नवरात्रि पर्व के दौरान तामसिक भोजन जैसे लहसुन प्याज का सेवन ना करें। इसकी जगह फलाहार या बिना-प्याज लहसुन के बने व्यंजन का सेवन करें।
- जो लोग नवरात्रि में व्रत रख रहे हैं उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इस दौरान अनाज का सेवन वर्जित है। साथ ही वह नमक का भी सेवन न करें। यदि आप नमक के बिना नहीं रह सकते हैं तो सेंधा नमक का सेवन करें।
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