उत्तर प्रदेश: ‘धर्म के नाम पर हो रहा ढोंग-पाखंड, शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने जताई चिंता

ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती एक दिन के प्रवास पर बृहस्पतिवार को बरेली पहुंचे। शहर आगमन पर रामपुर बाग में श्रद्धालुओं ने बैंडबाजे से उनका स्वागत किया। रात्रि विश्राम के बाद शुक्रवार सुबह उन्होंने पत्रकारों से वार्ता की।

ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती एक दिन के प्रवास पर बृहस्पतिवार को बरेली पहुंचे। रात्रि विश्राम के बाद उन्होंने कारोबारी अशोक गोयल के आवास पर पत्रकारों से वार्ता की। शंकराचार्य ने धर्म के नाम पर हो रहे ढोंग-पाखंड पर चिंता जताई। बड़े-बड़े मंदिरों में वीआईपी दर्शन कराने की व्यवस्था को व्यापार बताया।

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि बड़े-बड़े मंदिरों में विकास कार्य कराया जा रहा है। विकास कार्य के बाद जितना पैसा लगा है, उसे निकालना भी तो पड़ता है। यह व्यापार का नियम है। इसके लिए टिकट लगाए जाएंगे, वीआईपी दर्शंन कराए जाएंगे। यह सब हो रहा है, जो धर्मस्थानों के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि हमारे देवता का दरबार छोड़ दीजिए ताकि वहां जाकर हम सब यह अनुभव कर सकेंगे कि इस दरबार में हम सब एक हैं। यहां न कोई बड़ा है, न छोटा है।

युवा पीढ़ी को दिया संदेश
धर्म के प्रति युवाओं का लगाव कम होने के सवाल पर शंकराचार्य ने कहा कि हमारी युवा पीढ़ी ईमानदार है। बड़ी सक्षम है। उन्होंने कहा कि धर्म के मामले में भी ढोंग पाखंड बढ़ रहा है। इसके चलते युवाओं का मन धर्म से हट रहा है। युवा समझते हैं कि धर्म का मतलब ढोंग है। ढोंग करने वाले लोग अपनी दुकानें खोलकर भले ही कुछ कर रहे हैं, लेकिन सच्चाई यही है कि असल में जो धार्मिक लोग हैं, वे आज भी धर्म के मार्ग पर हैं। उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि सच्चे धार्मिक लोगों का अनुसरण करिए। नशे और निराशा से बचिए।

कारोबारियों ने किया स्वागत
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती इन दिनों भ्रमण पर निकले हैं। बृहस्पतिवार को एक दिन के प्रवास पर वह शहर के रामपुर बाग पहुंचे। यहां कारोबारी अशोक गोयल, योगेश गोयल, योगेंद्र गोयल, विभोर गोयल, दौलतराम गोयल, कैंट विधायक संजीव अग्रवाल, आईएमए अध्यक्ष राजीव गोयल, ब्रह्माकुमारी निशा ने उनका स्वागत किया। मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल की भी मौजूदगी रही। अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा व भगवान परशुराम सेवा ट्रस्ट की ओर से भी शंकराचार्य का स्वागत किया गया।

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