गर्भाश्य के ऑपरेशन के दौरान झोलाछाप डॉक्टर ने सुनीता की दोनों किडनियां निकाल ली थी। घटना के डेढ़ सौ से अधिक दिन बीत गए हैं। सुनीता और उसके परिवार पर मानो विपदा ने चारों तरफ से घेर लिया है। दोनों किडनी गंवा चुकी सुनीता चिकन पॉक्स से पीड़ित हो गई हैं। इतना ही नहीं उनकी आंखों की रोशनी भी कमजोर हो रही है।
पिछले पांच महीने से सुनीता और उसके परिवार पर एक-एक दिन भारी गुजर रहा है। चिकन पॉक्स से पीड़ित होने के बाद सुनीता और कमजोर हो गई। किडनी की आस में अब आंखें भी उसका साथ छोड़ रही हैं। उसे इस स्थिति तक पहुंचाने वाली व्यवस्था से भी साथ नहीं मिल रहा है।
एसकेएमसीएच (श्रीकृष्ण मेडिकल कालेज एवं अस्पताल) में भर्ती सुनीता की तबीयत मंगलवार को फिर बिगड़ गई। स्थिति यह हो गई कि वह अपनों को पहचान नहीं पा रही है। बच्चों को घर से बुलाया गया, मगर सुनीता उन्हें भी नहीं पहचान सकी। मां को जिंदगी से जूझते देख बच्चों की हालत भी रोते-रोते खराब है।
सुनीता का इलाज कर रहे डॉ. अमित कुमार ने बताया कि वह थोड़ी सुस्त है। न्यूरो सर्जन डॉ. दीपक कर्ण के साथ दूसरे विशेषज्ञ चिकित्सकों ने आकर देखा। उसे ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। हालत में धीरे-धीरे सुधार होगा।
पति बोला-अब तो ऊपर वाला ही मालिक
वहीं, सुनीता के पति अकलू राम ने बताया कि सोवमार की देर रात से ही उसकी तबीयत बिगड़ी है। उसके बाद से वह परिवार वालों को ठीक से पहचान नहीं पा रही है। अनुसूचित समाज के नाम पर राजनीति करने वालों पर भी अकलू का गुस्सा फूटा। अकलू ने बताया कि उसकी मदद के लिए कोई राजनीतिक पहल नहीं हुई है। इस गरीब की कोई सुनने वाला नहीं है। अब तो ऊपर वाला ही मालिक है।
बता दें कि किडनी निकाले जाने के बाद सुनीता को पहले पीएमसीएच और उसके बाद आइजीएमएस ले जाया गया था। वहां कोई खास रिस्पांस नहीं मिला। अब एसकेएमसीएच में इलाज चल रहा है। चिकन पॉक्स से पीड़ित होने के बाद वह रविवार को घर चली गई थी। वहां झाड़फूंक कराने के बाद सोमवार को फिर एसकेएमसीएच में भर्ती हुई। अधीक्षक डॉ. बीएस झा ने बताया कि चिकित्सक की सलाह के मुताबिक दवा और डायलिसिस नियमित चल रही है।
अस्पताल में गमगीन हुआ माहौल
आइसीयू में भर्ती सुनीता ने सोमवार रात दो बजे के बाद से ही अपनों को पहचानना बंद कर दिया। दम फूलने के साथ वह कमजोर हो गई है। मंगलवार की शाम उसे खून भी चढ़ाना शुरू किया गया। तबीयत ज्यादा बिगड़ने के बाद मेडिकल प्रशासन में हड़कंप है। चिकित्सकों की टीम उस पर लगातार नजर बनाए हुए है।
मां के नहीं पहचानने पर तीनों बच्चे सोनम, आकाश और अनिकेत फफक-फफक कर रोने लगे। अकलू ने सरकार से किडनी की व्यवस्था करने के लिए गुहार लगाई है।