होलाष्टक के दौरान नवग्रहों का स्वभाव काफी शुभ होता है। इस साल 9 दिनों तक चलने वाले होलाष्टक में हर एक दिन कोई न कोई ग्रह उग्र होगा। वहीं राहु होलिका दहन के दिन अपना तेवर दिखा सकता है। जानिए राहु शांति के उपाय

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन का पर्व मनाया जाता है और उसके अगले दिन रंगों वाली होली खेली जाती है। पंचांग के अनुसार इस साल होलिका दहन 7 मार्च और रंगों वाली होली 8 मार्च 2023 को खेली जाएगी। इसके साथ ही होलिका दहन के आठ दिन पहले से होलाष्टक शुरू हो जाते हैं। इस साल की बात करें, तो 27 फरवरी से होलाष्टक शुरू हो चुके हैं। होलाष्टक के दौरान किसी भी शुभ या मांगलिक कामों को करने की मनाही होती है। क्योंकि सभी नवग्रह उग्र अवस्था में होते हैं।
इस साल होलाष्टक पूरे नौ दिनों के पड़ रहे हैं। इसलिए हर एक दिन कोई न कोई ग्रह उग्र रहता है। होलिका दहन के दिन की बात करें, तो इस दिन राहु ग्रह उग्र रहेगा। इस ग्रह के उग्र होने से व्यक्ति को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जानिए उग्र राहु ग्रह को कैसे करें शांत।
राहु क्या डालता है प्रभाव?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राहु के उग्र होने से व्यक्ति की विचार, कर्म आदि पर बुरा असर पड़ता है। राहु के दुष्प्रभाव के कारण व्यक्ति बुरी संगत में फंस जाता है जिसके कारण चोरी, डकैती आदि करने लगता है। इसके साथ दी मांस-मदिरा, जुआ आदि खेलने लगता है। इसके अलावा शारीरिक, मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
उग्र राहु ग्रह को शांत करने के उपाय
करें इस मंत्र का जाप
होलिका दहन सहित अन्य दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद राहु के मंत्र का 108 बार जाप करें। मंत्र- ऊँ रां राहवे नम:
काले तिल से करें शिवजी का अभिषेक
उग्र राहु को शांत करने के लिए भगवान शिव की पूजा करना लाभकारी सिद्ध होगा। इसलिए शनिवार, सोमवार या फिर होलिका दहन के दिन जल में थोड़े से काले तिल डालकर शिवलिंग पर अभिषेक करें।
इन चीजों को करें जल में प्रवाहित
एक सूप में नीला वस्त्र, काले तिल, कंबल, सूप, तेल से भरा ताम्रपत्र, लोहा, सप्त अनाज, अभ्रक, गोमेद, खड्ग आदि रख दें। इसके बाद एक कपड़े से बांधकर जल में प्रवाहित कर दें। ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी और राहु की प्रकोप कम होगा।
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