जानिए सरकारी स्कूलों में पढने वाले बच्चाें  को निश्शुल्क किताबें देने के लक्ष्य 

बेसिक शिक्षा विभाग ने दिया था 21 लाख किताबों का आर्डर। अब तक सिर्फ 13.50 लाख किताबें ही मिली। आगरा लेट-लतीफ प्रकाशकों को नोटिस होंगे जारी भुगतान से कटौती करेगा विभाग। अक्टूबर के पहले सप्ताह तक आएंगी वर्क बुक।

 परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को निश्शुल्क किताबें देने के लक्ष्य में बेसिक शिक्षा विभाग पिछड़ गया हैै। प्रकाशकों की लेट-लतीफी से अंतिम तिथि बीतने के बाद भी अब तक पूरी किताबें नहीं आ पाई हैं। सिर्फ 64.30 प्रतिशत डिलवरी होने से नाराज विभाग अब प्रकाशकों को नोटिस जारी कर भुगतान में कटौती करने की तैयारी में है।

स्थिति यह है कि अब तक जिले में सिर्फ 13.50 लाख किताबें ही आ पाई हैं, जबकि विभाग ने तीन प्रकाशकों को करीब 21 लाख किताबों का आर्डर दिया था। आर्डर की गई किताबों की डिलीवरी के लिए शासन ने पांच सितंबर अंतिम तिथि निर्धारित की थी, लेकिन प्रकाशक तय समय सीमा में सिर्फ 64.30 प्रतिशत किताबों की ही डिलीवरी दे पाए हैं।

होगी भुगतान कटौती

विभाग अब प्रकाशकों पर अर्थदंड लगाने की तैयारी में है। जिला बेसिक शिक्षाधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि हर हफ्ते देरी से मिलने वाली किताबों के भुगतान में एक प्रतिशत राशि की कटौती की जाएगी, जो अधिकतम पांच प्रतिशत तक हो सकती है। साथ ही लापरवाही बरतने वाले प्रकाशकों को नोटिस जारी जाएगा।

अब तक ऐसे हुई प्रक्रिया

किताबों को खरीदने का आर्डर जून के प्रथम सप्ताह में जारी किया गया। प्रकाशकों को तीन महीने में 21 लाख किताबों की आपूर्ति करने के निर्देश दिए। लेकिन अब तक सिर्फ 13.50 लाख किताबें ही आयी हैं, 7.50 लाख किताबों की आपूर्ति बाकी है।

वर्कबुक का दिया आर्डर

शासन के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग ने 30 अगस्त को तीन लाख वर्कबुक का भी आर्डर जारी कर दिया है। इन्हें अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में पूरी तरह उपलब्ध कराना होगा। इसमें देरी न हो, इसके लिए विभाग प्रकाशकों पर शुरू से ही दबाव बना रहा है।

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