जानिए सिसोदिया ने नरेंद्र मोदी का एक पुराना वीडियो शेयर करते हुए क्या कहा

मनीष सिसोदिया ने सीबीआई रेड के दो दिन बाद गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का एक पुराना वीडियो शेयर किया है। जिसमें वो सीबीआई के दुरुपयोग और इसके राजनीतिकरण की बात कह रहे हैं।आबकारी नीति में कथित घोटाले को लेकर सीबीआई की टीम ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर छापेमारी की। इसे लेकर बीजेपी और आप में वाकयुद्ध छिड़ गया है। दोनों ही जमकर एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। सिसोदिया ने इस छापेमारी को केंद्र सरकार की केजरीवाल को रोकने की कोशिश करार दिया है। वहीं बीजेपी ने आप सरकार से एक हजार करोड़ के घोटाले का जवाब मांगा है। इसी बीच डिप्टी सीएम ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का एक वीडियो शेयर करते हुए तंज कसा है। दरअसल वीडियो में मोदी सीबीआई जांच पर सवाल खड़े कर रहे हैं।वीडियो को शेयर करते हुए सिसोदिया ने लिखा, ‘सीबीआई छापों के बारे में मोदी जी के इस बयान को जरूर सुनें। अगर नहीं सुना तो आप एक बहुत बड़े सच को जानने से वंचित रह जाएंगे।’ वीडियो में गुजरात के तत्कालीन सीएम मोदी कहते हैं, ‘ये सीबीआई का राजनीतिकरण, ये सीबीआई का दुरुपयोग, निर्दोष लोगों को परेशान करने के लिए सीबीआई के अनाप-शनाप कारनामे जो चलाए जा रहे हैं, कभी न कभी तो आपको हिंदुस्तान की जनता को जवाब देना पड़ेगा।’

देश को सीबीआई पर भरोसा नहीं रहा

मोदी आगे कहते हैं, ‘अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए सीबीआई के जो लोग उनके हथियार बन गए हैं और गुजरात सरकार के हमारे अफसरों को परेशान करने में लगे हैं, हमारे मंत्रियों को जेल में डालने के लिए षड्यंत्र कर रहे हैं। उन सबको मैं चेतावनी देता हूं कि लोकतंत्र की मर्यादाओं में आप उचित कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। सत्य को सत्य के रूप में लोगों के सामने लाना चाहिए। झूठ फैलाकर गुजरात को तबाह करने के कारनामे बंद होने चाहिए। अब देश को सीबीआई पर भरोसा नहीं रहा। सीबीआई राजनीतिक कामों में जुटी हुई है।’

लुकआउट सर्कुलर जारी

सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में नामजद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत सभी आरोपियों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया है। सर्कुलर में उन आरोपियों के नाम हैं, जिनके खिलाफ सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की है। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि कोई भी आरोपी देश छोड़कर ना भाग जाए। इससे पहले सिसोदिया पर केस दर्ज करने के लिए जांच एजेंसी ने राष्ट्रपति से अनुमति ली थी।

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