तेलंगाना के पूर्व मंत्री जुपल्ली कृष्णा राव विधायक गुरनाथ रेड्डी समेत 35 से अधिक नेताओं ने थामा कांग्रेस का हाथ..

श्रीनिवास रेड्डी का पहले भाजपा से बातचीत करना और अब कांग्रेस में शामिल होना एक उदाहरण है। पार्टी हलकों में चर्चा यह भी है कि कांग्रेस से भाजपा में गए कई वरिष्ठ नेता भी पार्टी में जल्द वापसी कर सकते हैं। रेड्डी के साथ तेलंगाना के पूर्व मंत्री जुपल्ली कृष्णा राव विधायक गुरनाथ रेड्डी पूर्व विधायक कोराम कनकैया समेत 35 से अधिक नेताओं ने कांग्रेस का हाथ थामा।

 कर्नाटक की जीत कांग्रेस के लिए तेलंगाना विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक संजीवनी बनती नजर आ रही है। इसका ताजा नमूना तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की पार्टी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के 35 से अधिक नेताओं का सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से मिलकर पार्टी में शामिल होना रहा है। इन नेताओं में राज्य के कई पूर्व मंत्री, पूर्व सांसद और विधायक से लेकर मौजूदा जिला परिषद के अध्यक्ष शामिल हैं।

नेता करेंगे शक्ति प्रदर्शन

खरगे और राहुल से मुलाकात के बाद केसीआर की पार्टी के इन नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा कर दी गई। अब दो जुलाई को खम्मम में प्रियंका गांधी वाड्रा की रैली के दौरान बीआरएस से कांग्रेस में शामिल हुए नेता अपना शक्ति प्रदर्शन करेंगे। कांग्रेस मुख्यालय में खरगे और राहुल गांधी से करीब डेढ घंटे चली बातचीत में बीआरएस नेताओं ने पार्टी में शामिल होने की हामी भरी। बीआरएस के इन नेताओं का कांग्रेस में शामिल होने का फैसला मुख्यमंत्री राव के लिए चुनाव से पांच महीने पहले बड़ा झटका है। खासतौर पर यह देखते हुए कि खम्मम के पूर्व सांसद पी. श्रीनिवास रेड्डी का करीब 10-15 विधानसभा सीटों पर सियासी प्रभाव है।

कांग्रेस की राजनीति ने ली करवट

रेड्डी के पहले भाजपा में जाने की चर्चा थी। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से उनकी कुछ दौर की बातचीत भी हो गई थी। लेकिन, कर्नाटक चुनाव के नतीजों के बाद तेलंगाना में कांग्रेस की राजनीति ने करवट लेनी शुरू कर दी है और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी सूबे में बीआरएस के खिलाफ भीड़ जुटा रहे हैं। इस बीच, केसीआर के विपक्षी एकता की बैठक से अलग होने की रणनीति ने तेलंगाना में भाजपा और बीआरएस में गुपचुप रणनीति समझौते की अटकलों को बढ़ाया है। माना जा रहा है कि केसीआर सरकार से नाराज होता एक बड़ा वर्ग कांग्रेस को विकल्प के रूप में देख रहा है। श्रीनिवास रेड्डी का पहले भाजपा से बातचीत करना और अब कांग्रेस में शामिल होने का फैसला इसी का एक उदाहरण है।

कांग्रेस में हो सकती है नेताओं की वापसी

पार्टी हलकों में चर्चा यह भी है कि कांग्रेस से भाजपा में गए कई वरिष्ठ नेता भी पार्टी में जल्द वापसी कर सकते हैं। रेड्डी के साथ तेलंगाना के पूर्व मंत्री जुपल्ली कृष्णा राव, छह बार विधायक गुरनाथ रेड्डी, पूर्व विधायक एवं जिला परिषद चेयरमैन कोराम कनकैया समेत 35 से अधिक नेताओं ने कांग्रेस का हाथ थामा। कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने इन नेताओं के शामिल होने पर कहा कि आज पूरे देश में बदलाव की हवा चल रही है। इसकी शुरुआत राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से शुरू हुई थी। कहा कि तेलंगाना राज्य का निर्माण यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी व यूपीए सरकार की देन है। राज्य में कांग्रेस के पक्ष में हवा चल रही है और हम सरकार बनाने जा रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Time limit exceeded. Please complete the captcha once again.