फायदा नहीं नुकसान पहुंचाता है जरूरत से ज्यादा दूध

दूध हमारी सेहत के लिए बेहद जरूरी है। लोग अक्सर सही विकास और वृद्धि के लिए दूध को अपनी डाइट में शामिल करते हैं लेकिन इसका लाभ लेने के लिए भी सही मात्रा में इसे पीना जरूरी है। कई लोगों का ऐसा मानना है कि जितना ज्यादा दूध पिएंगे उतना ही फायदा पहुंचेगा। हालांकि यह पूरी तरह सच नहीं है। आइए जानते हैं एक दिन में कितना दूध पीना चाहिए।

दूध को हमेशा से ही एक पौष्टिक और सम्पूर्ण आहार माना जाता रहा है। इसके बिना हेल्दी डाइट अधूरी सी लगती है। खास तौर पर बच्चों को सहा विकास और वृद्धि के लिए घर के बड़े-बुजुर्ग भरपूर मात्रा में दूध देते हैं। हालांकि, किसी भी चीज की सीमित मात्रा लेने पर ही इससे होने वाले फायदों का लाभ उठाया जा सकता है। जरूरत से ज्यादा कोई भी चीज सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसा ही कुछ दूध के साथ भी है।

कई लोगों का मानना है कि सही शारीरिक विकास के लिए भरपूर मात्रा में दूध जरूरी है। हालांकि, यह पूरी तरह सच नही हैं। यह सच है कि दूध संपूर्ण आहार का हिस्सा है, लेकिन इसे पीने की भी एक सीमित मात्रा है। सर्दी-ज़ुकाम, खांसी, अपच, डायरिया, स्किन डिजीज जैसे मामलों में दूध बिल्कुल भी नहीं पीना चाहिए। इसके अलावा ऐसे लोग, जिन्हें दूध से एलर्जी है, जिसे लैक्टोज इनटोलरेंस कहते हैं, उनके लिए भी दूध पीना नुकसानदायक साबित हो सकता है। आइए जानते किसके लिए और कितना दूध पीना फायदेमंद-

कितना दूध पीना सही
एक स्वस्थ व्यक्ति को नियमित रूप से दूध पीना ही चाहिए। इसमें मौजूद कैल्शियम, विटामिन बी12, विटामिन डी, कैलोरी, पोटैशियम, प्रोटीन और हेल्दी फैट शरीर को जरूरी पोषण देते हैं। यूनाइटेड स्टेट्स में नेशनल डाइटरी गाइडलाइंस के अनुसार एक वयस्क व्यक्ति को प्रतिदिन 3 कप (750ml) दूध पीना चाहिए और बच्चों के लिए एक से 2.5 कप दूध पीना पर्याप्त है।

हालांकि, ये मात्रा हर व्यक्ति की शारीरिक जरूरतों के अनुसार घट या बढ़ भी सकती है। एक संतुलन की बात करें तो प्रतिदिन 500ml दूध भी शरीर की कैल्शियम और विटामिन डी की जरूरत पूरी करने के लिए पर्याप्त है।

ज्यादा दूध पीने के नुकसान
स्वीडन में हुए एक शोध के अनुसार 3 कप से ज्यादा दूध पीने से हिप फ्रैक्चर, हड्डी संबंधी समस्याएं और यहां तक की मौत का खतरा भी अधिक हो जाता है। इसलिए इस मिथक को सत्य न मानें कि जितना ज्यादा दूध उतनी मजबूत हड्डियां। बच्चों को ज्यादा दूध पिलाने से दूध में मौजूद कैलोरी पेट भरा हुआ महसूस कराती है, जिससे बच्चा खाने की तरफ दिलचस्पी नहीं ले पाता है।

वहीं, ज्यादा दूध पीने से उनमें आयरन की मात्रा कम होने लगती है। खास तौर पर फेरिटिन नाम का आयरन जो कि एक आयरन स्टोरेज के रूप में शरीर में मौजूद होता है। इससे आयरन डिफिशिएंसी एनीमिया की संभावना बढ़ जाती है।

कितना सुरक्षित फ्लेवर्ड दूध?
अपनी डाइट में फ्लेवर्ड दूध की मात्रा सामान्य दूध की मात्रा से भी कम रखें, क्योंकि स्वाद बढ़ाने के चक्कर में इसकी पौष्टिकता कम हो जाती है। साथ ही अन्य दूध जैसे बादाम का दूध, सॉय मिल्क जैसे विकल्प लेने से पहले इनकी सीमित मात्रा की चर्चा अपने डायटिशियन से जरूर करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Time limit exceeded. Please complete the captcha once again.