भारत चीन और दक्षिण कोरिया जैसे एशियाई मुल्‍कों की रैंकिंग में रिकार्ड सुधार हुआ..

संयुक्‍त राष्‍ट्र की एजेंसी विश्व बौद्धिक संपदा संगठन ने कहा है कि नवाचार के क्षेत्र में भारत चीन और दक्षिण कोरिया जैसे एशियाई मुल्‍कों की रैंकिंग में रिकार्ड सुधार हुआ है। संगठन ने कहा कि 2021 की तुलना में यह रिकार्ड स्‍तर पर पहुंच गया है।

 संयुक्‍त राष्‍ट्र की एजेंसी विश्व बौद्धिक संपदा संगठन ने कहा है कि नवाचार के क्षेत्र में भारत, चीन और दक्षिण कोरिया जैसे एशियाई मुल्‍कों की रैंकिंग में रिकार्ड सुधार हुआ है। संगठन ने कहा कि 2021 की तुलना में यह रिकार्ड स्‍तर पर पहुंच गया है। संयुक्‍त राष्‍ट्र की एजेंसी ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान आई वैश्विक मंदी के चलते यह काफी निचले स्‍तर पर पहुंच गया था। एजेंसी ने कहा कि इन मुल्‍कों में खासकर पेटेंट और ट्रेडमार्क रिकार्ड स्‍तर पर पहुंच गया है। 

भारत समेत एशिया के तीन मुल्‍कों की स्थिति मजबूत

1- WIPO के मुताबिक पेटेंट के क्षेत्र में एशियाई देशों की स्थिति मजबूत हुई है। इस दिशा में भारत में 5.5 फीसद, चीन में 5.5 और कोरिया गणराज्‍य में 2.5 फीसद का इजाफा हुआ है। एजेंसी ने कहा है कि कोरोना महामारी के बाद एशियाई मुल्‍कों के लिए यह एक सकारात्‍मक रुझान है। उधर, अमेरिका व पश्चिमी देशों में आई आर्थिक मंदी के चलते इस क्षेत्र में अमेरिका, जापान और जर्मनी में गिरावट दर्ज की गई है। अमेरिका में -1.2 फीसद, जापान में -1.7 जर्मनी में -3.9 फीसद की गिरावट आई है। 

2-  WIPO की विश्व बौद्धिक संपदा संकेतक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर के नवोन्मेषकों ने 2021 में 3.4 मिलियन पेटेंट आवेदन दायर किए थे, जो पिछले वर्ष की तुलना में 3.6 फीसद अधिक है। एशिया में दुनिया भर में सभी आवेदनों का 67.6 फीसद प्राप्त हुआ है। WIPO महानिदेशक डेरेन टैंग ने कहा कि नवीनतम डेटा आईपी फाइलिंग में निरंतर वृद्धि को दिखाता है, जो एशिया से बड़े पैमाने पर वृद्धि से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान आईपी फाइलिंग की ताकत से पता चलता है कि दुनिया भर में लोग महामारी के कारण हुए आर्थिक और सामाजिक व्यवधानों के बावजूद कुछ नया करना और बनाना जारी रखते हैं।

3- स्‍टार्टअप के लिए बेहतर माहौल तैयार करने और नवाचार को बढ़ावा देने में भारत लगातार सुधार कर रहा है। विश्‍व बौद्धिक संपदा संगठन की ओर से कहा गया है नवाचार सूचकांक में एशियाई मुल्‍कों में अच्‍छी प्रगति देखी गई है। संगठन के मुताबिक भारत की रैंकिंग 2015 के बाद से तेजी से बढ़ी रही है। वर्ष 2015 में जहां भारत का जीआईआई 81 था, वहीं 2021 में यह 46वें पायदान पर पहुंच गया। भारत में यह सुधार स्‍टार्टअप के लिए अनुकूल माहौल बनाने सरकारी व निजी संगठनों की ओर से शोध पर जोर दिए जाने के उपरांत आया है।

4- गौरतलब है कि विश्‍व बौद्धिक संपदा संगठन द्वारा 29 सितंबर को जारी ग्‍लोबल इनोवेशन इंडेक्‍स 2022 के मुताबिक हाल के वर्षों में नवाचार के क्षेत्र में चीन की वैश्विक रैंकिंग में लगातार सुधार हुआ है। वर्ष 2020 में चीन की रैंकिंग 11वें स्‍थान पर आ गई है। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि कोरोना महामारी के बावजूद वर्ष 2021 में वैश्विक नवाचार गतिविधियों को चलाने वाले अनुसंधान व विकास और अन्‍य निवेश संबंधी कार्य भी जारी रहे।

5- वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था की नवाचार क्षमता रैंकिंग में स्विट्जरलैंड, अमेरिका, स्‍वीडन, ब्रिटेन और नीदरलैंड शीर्ष पांच में सम्‍मलित है। रैंकिंग के परिवर्तन के दृष्टिकोण से अमेरिका, नीदरलैंड, सिंगापुर, जर्मनी और कनाडा की रैंकिंग बढ़ चुकी है। चीन की रैंकिंग क्रमशः 2020 और 2021 में 14वें और 12वें स्थान पर रही और 2022 में 11वें स्थान पर पहुंची। तुर्की और भारत ने पहली बार शीर्ष 40 में प्रवेश किया और वे क्रमश: 37वें और 40वें स्थान पर रहे।

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