भारत में खड़ा करना चाहते थे टेरर-गैंगस्टर नेटवर्क..

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा जहांगीरपुरी इलाके से पकड़े गए आतंकी नौशाद और जगजीत से पूछताछ में कई अहम जानकारियां सामने आई हैं। दोनों आतंकी पाकिस्तान में बैठे अपने चार हैंडलर के संपर्क में थे। नौशाद आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के भी संपर्क में था।

 टेरर-गैंगस्टर नेटवर्क

दोनों भारत में टेरर-गैंगस्टर नेटवर्क को खड़ा करने की फिराक में थे। पूछताछ में आतंकियो ने बताया कि वे पाकिस्तान में हरकत उल अंसार के नजीर भट, नासिर खान, नजीर खान और हिजबुल मुजाहिद्दीन के नदीम के संपर्क में थे। इसके अलावा ये गैंगस्टर सुनील राठी, इरफान उर्फ छेनू, हाशिम बाबा, इबले हसन और इमरान पहलवान गिरोह के संपर्क में भी थे।

आतंकियों को दी गई थी टारगेट किलिंग की जिम्मेदारी

विशेष रूप से नौशाद को भारत में आतंकियों और गैंगस्टरों के गठजोड़ को मजबूत करने का जिम्मा सौंपा गया था। जगजीत कनाडा में बैठे खालिस्तानी आतंकियों के संपर्क में भी था। स्पेशल सेल के सूत्रों का कहना है कि दोनों आतंकियों को देश में टारगेट किलिंग की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी। जगजीत को पंजाब के दो हिंदू नेताओं की हत्या करने का काम सौंपा गया था। इसमें शिवसेना और कांग्रेस पार्टी के नेता शामिल हैं।

हत्या के बदले में जगजीत को ढाई कारोड़ रुपये देने का वादा किया गया था। वहीं, नौशाद अली द्वारा भर्ती किए गए दो अन्य आतंकियों को भी दिल्ली में तीन बड़े नेताओं की हत्या का जिम्मा दिया था। इनमें बजरंग दल के नेता भी शामिल हैं। फिलहाल स्पेशल सेल फरार आतंकियों को पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और दिल्ली में तलाश रही है।

हथियार तस्करी के दौरान गैंगस्टरों के संपर्क में आया था नौशाद

सूत्रों के मुताबिक, नौशाद कुख्यात हथियार तस्कर है। तस्करी में ही वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब और दिल्ली-एनसीआर के गैंगस्टरों के संपर्क में आया था। नौशाद ने नवंबर 1996 में 2.25 किलोग्राम आरडीएक्स और 11.5 लाख रुपये के लिए असम के रहने वाले अब्दुल्ला शेरवानी की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

जांच में पता चला था कि शेरवानी से बरामद आरडीएक्स और पैसा, नौशाद का सहयोगी और पाकिस्तानी आतंकी माड्यूल हरकत-उल अंसार के सक्रिय सदस्य नदीम से चुराए गए थे। इस मामले में नौशाद और नदीम दोनों पर हत्या और विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।

इसके साथ ही आरडीएक्स सप्लाई करने वाले कश्मीर के बिलाल सिद्दीकी को भी गिरफ्तार किया गया था। जांच में पता चला है कि नौशाद ने पहली हत्या वर्ष 1991 में की थी। उसने जहांगीरपुरी इलाके में अपना वर्चस्व कायम करने के लिए जितेंद्र डाबला की हत्या कर दी थी। इस मामले में इसे जेल भेजा गया था।

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