महेश मांजरेकर को ‘एनिमल’ लगी मनोरंजक

रणबीर कपूर की फिल्म ‘एनिमल’ जितनी बड़ी हिट रही, उतनी ही ज्यादा उसे आलोचना भी मिली। फिल्म को लेकर कई सितारों ने अपनी राय जाहिर की है। इस कड़ी में अब अभिनेता सह निर्देशक महेश मांजरेकर का नाम भी जुड़ गया है।

निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म ‘एनिमल’ एक ब्लॉकबस्टर फिल्म है। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बड़ी हिट साबित हुई थी। हालांकि, फिल्म को अपने रिलीज के वक्त काफी आलोचनाएं भी झेलनी पड़ी थी। फिल्म को महिलाओं के लिए आपत्तिजनक बताया गया था। इसके अलावा फिल्म पर जहरीली मर्दानगी का प्रचार करने का भी आरोप लगा था। फिल्म को जितनी आलोचनाएं मिली उतनी ही तारीफें भी मिली। इस फिल्म को कई सेलिब्रेटीज से भी सराहना मिली। इस कड़ी में अब अभिनेता सह निर्देशक महेश मांजरेकर का नाम भी जुड़ गया है।

महेश मांजरेकर को ‘एनिमल’ लगी मजेदार
एनिमल के बारे में बात करते हुए महेश ने फिल्म को मिली आलोचनाओं पर हैरानी जतायी। उन्होंने कहा फिल्म की कहानी ‘गॉडफादर’ के जैसी है, लेकिन काफी मनोरंजक है। इसके साथ ही उन्होंने आगे बताया कि वह थोड़ी देर के लिए भी फिल्म देखते हुए बोर नही हुए,जबकि यह फिल्म अच्छी खासी लंबी है। फिल्म के निर्देशक की तारीफ करते हुए महेश ने कहा,”निर्देशक की फिल्म को अपने हिसाब से बनाने की सोच मुझे काफी पसंद आई। मुझे यह फिल्म बेहतरीन लगी। मैं इसके अगले भाग एनिमल पार्क का इंतजार कर रहा हूं। कुछ लोग हैं, जो यह राय देते हैं कि फिल्म कैसे बनाई जानी चाहिए, लेकिन उन्हें ऐसे लोगों की सुननी ही क्यों चाहिए”।

‘एनिमल’ पर मनोज बाजपेयी ने भी दी थी राय
हाल में ही एक बातचीत के दौरान मनोज बाजपेयी से पूछा गया था कि अभिनेता रणबीर कपूर की फिल्म एनिमल भारतीय सिनेमा के लिए सही या गलत है? इस पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा था,”मैं साफ साफ कहूं तो काफी लोग हैं, जिन्हें फिल्म पसंद नहीं आई, लेकिन इसमें गलत क्या है। फिल्म रिलीज हो गई, पैसे भी कमा लिए और उतर भी गई। पैसे निर्माताओं के जेब में चले गए, उन्हें पैसे लेने भी दीजिए क्योंकि उन्होंने फिल्म में पैसे निवेश किए थे।”

असहमती हो तो ना देखें फिल्म- मनोज
फिल्म को लेकर हुई आलोचनाओं पर ‘भैयाजी’ अभिनेता ने कहा था,”अगर आप इसे नहीं देखना चाहते हैं तो मत देखिए। अगर आप किसी बात से असहमत हैं तो बेहतर है फिल्म मत ही देखिए। बस, फिल्म के लिए समस्याएं मत खड़ी कीजिए। ऐसा कर आप सिर्फ बुरी धारणाओं को बढ़ा रहे हैं। कैसा लगेगा अगर बाकि लोग भी आपके काम में ऐसी ही टांग अड़ाएं? आप इन चीजों को लेकर बात कर सकते हैं, लेकिन बिना प्रतिबंध या आंदोलन की मांग किए।”

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