मायावती ने राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की, जानें वजह.. 

राजस्थान के जालौर में एक दलित छात्र की पिटाई से उसकी मौत के बाद राज्य की अशोक गहलोत सरकार पर विपक्ष हमलावर हो गया है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो और यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने तो राजस्थान में सरकार को बर्खास्त करके राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस सरकार दलितों, आदिवासियों की जान और इज्जत-आबरू बचाने में विफल है। 

मायावती ने ट्वीट किया, ‘राजस्थान के जालौर जिले के सुराणा में प्राइवेट स्कूल के 9 साल के दलित छात्र द्वारा प्यास लगने पर मटके से पानी पीने पर स्वर्ण जाति के जातिवादी सोच के शिक्षक ने उसे इतनी बेरहमी से पीटा कि कल उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। इस हृदय विदारक घटना की जितनी निन्दा व भर्त्सना की जाए वह कम।’ एक अन्य ट्वीट में मायावती ने लिखा, ‘राजस्थान में आएदिन ऐसी जातिवादी दर्दनाक घटनाएं होती रहती हैं। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस की सरकार वहाँ खासकर दलितों, आदिवासियों व उपेक्षितों आदि के जान व इज्जत-आबरू की सुरक्षा करने में नाकाम है। अतः इस सरकार को बर्खास्त कर वहाँ राष्ट्रपति शासन लगाया जाए तो बेहतर।

बता दें कि, जालौर जिले के एक निजी स्कूल में एक शिक्षक ने पेयजल का मटका छूने पर 9 वर्षीय दलित बच्चे को कथित रूप से पीटा, जिसके बाद शनिवार को उसकी जान चली गई। जिसके बाद पुलिस ने 40-वर्षीय अध्यापक चैल सिंह को अरेस्ट कर लिया है और उस पर हत्या और  SC-ST एक्ट की धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं। सुराणा गांव में एक प्राइवेट स्कूल के छात्र इंद्र मेघवाल की 20 जुलाई को पिटाई की गई थी और अहमदाबाद के एक अस्पताल में शनिवार को उसने दम तोड़ दिया।

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