मूंढापांडे गोलीकांड: वारदात की गूंज लखनऊ पहुंची तो घर ढहाने पहुंचे बुलडोजर

मूंढापांडे में दो बहनों को अगवा और परिजनों पर फायरिंग की गूंज लखनऊ तक पहुंची। इसके तुरंत बाद पुलिस ने एक्शन लेते हुए आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलवाने की कार्रवाई की। पता चला है कि आरोपियों ने 15 साल पहले सरकारी जमीन पर कब्जा कर मकान बनवाया था। मुख्य आरोपी पर 25 हजार का इनाम घोषित किया गया है।

अपहरण और गोलीकांड के आरोपी मुस्लिम और उसके परिवार के लोगों ने 15 साल पहले ग्राम समाज की भूमिका पर कब्जा कर मकान का निर्माण करा लिया था। इसके बाद से आरोपी इन मकानों में रहते थे, लेकिन राजस्व विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों को इसकी भनक तक नहीं थी।

लखनऊ तक घटना की गूंज पहुंची तो आरोपियों के मकान जमींदोज कर दिए गए। 25 हजार के मुख्य आरोपी मुस्लिम के पिता नन्हें, चाचा सुलेमान और आले हसन 15 साल पहले तक गांव के बीचों बीच बने मकानों में रहते थे। इसके बाद तीनों ने गांव के बाहर जंगल में ग्राम समाज की जमीन पर कब्जा कर लिया था।

तीनों भाइयों ने यहीं मकान बनवा लिए और रहने लगे थे। आरोपियों का गांव में दबदबा है। इसलिए किसी ने विरोध भी नहीं किया। पीड़ित परिवार का कहना है कि आरोपियों के घर गांव से बाहर हैं। बहजोई थाने में दर्ज केस में आरोपी हैं। फरार होने के बावजूद सभी आरोपी रात में आने घर में ही आकर सो जाते थे।

पीड़ित परिवार ने पुलिस से शिकायत भी की थी, लेकिन पुलिस ने इस मामले को गंभीरता नहीं लिया था। गांव के अन्य लोग कुछ बोलने को तैयार नहीं थे। बुधवार रात घटना को लेकर शासन से पूछताछ की तो अफसर भी हरकत में आ गए। इसके बाद पुलिस के अलावा प्रशासन अलर्ट हो गया।

राजस्व विभाग की टीम ने, जहां तीनों मकान बने हैं, उस जमीन की पैमाइश की। जिस पर आरोपियों ने 15 साल पहले मकान बनाए थे। तब पता चला कि जमीन ग्राम समाज की है। पुलिस अफसरों और राजस्व विभाग की टीम ने बुलडोजर बुलवाकर तीनों मकानों को ढहा दिया।

भाई की हालत गंभीर
फर्म कर्मी ने बताया कि उसके बेटे की हालत गंभीर है। उसे टीएमयू से रेफर कर दिया गया है। उसे नोएडा स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि फर्म कर्मी और उसकी पत्नी मेरठ में भर्ती हैं। तीनों का उपचार चल रहा है। युवती के पिता और भाई फर्म में नौकरी करते हैं, जबकि आरोपी पक्ष ईंट भट्ठे पर मजदूरी करता है। इसलिए तीनों परिवार अक्सर बाहर ही रहते हैं।

दिन में मकान बंद और रात में रहते थे परिजन
बहजोई थाने में केस दर्ज होने के बाद मुस्लिम और उसके दोनों चाचा के मकान बंद पड़े थे। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि रात में अक्सर इन घरों में लोगों की मौजूदगी रहती थी। सुबह फिर से घरों में ताले लग जाते थे। गोलीकांड से एक दिन पहले ही आरोपी के घर में चोरी की घटना भी हुई थी। आस पड़ोस के लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी थी।

टीम ने दोबारा बुलाया बुलडोजर
शुक्रवार दोपहर दो बजे पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी बुलडोजर लेकर गांव पहुंचे थे। उन्होंने पहले बाउंड्री और मकान का कुछ हिस्सा गिराया था। इसके बाद कार्रवाई बंद कर दी गई थी, लेकिन कुछ देर के बाद टीमें दोबारा बुलडोजर लेकर पहुंची और मुख्य आरोपी मुस्लिम, उसके चाचा सुलेमान व आले हसन के मकान ढहा दिए।

यह थी घटना
बुधवार की रात युवती, उसकी बड़ी बहन और मां-बाप पन्नी के नीचे सो रहे थे। मुस्लिम और अन्य आरोपी घर में घुस गए और बड़ी बहन को अगवा कर ले जाने लगे। युवती के शोर मचाने पर परिवार के लोग जाग गए थे। विरोध करने पर आरोपी ने युवती के भाई के सीने, मां के पैर और पिता के हाथ में गोली मार दी थी। इसके बाद आरोपी भाग गए थे।

ये घटना केवल पीड़ित के खिलाफ नहीं यह स्टेट के खिलाफ है। इस मामले में किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। आरोपियों ने ग्राम समाज की जमीन पर अवैध कब्जा कर मकान का निर्माण कराया था। टीम ने मकान ढहाने की कार्रवाई की है। -  सतपाल अंतिल, एसएसपी

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