यूक्रेन में ड्रोन हमलों को रूसी ही अंजाम दे रहे- जॉन किर्बी

क्रीमिया यूक्रेन का वह हिस्सा है, जिस पर रूस ने 2014 में बल प्रयोग के जरिये अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करते हुए कब्जा जमा लिया था। किर्बी ने कहा, ‘हमारे पास जानकारी है कि ईरानियों ने क्रीमिया में अपने प्रशिक्षकों और तकनीकी सहायकों को भेजा है, लेकिन यूक्रेन में ड्रोन हमलों को रूसी ही अंजाम दे रहे हैं।’व्हाइट हाउस का कहना है कि यूक्रेन पर रूसी ड्रोन हमलों का समर्थन करने वाले क्रीमिया में ईरानी सैनिक रूप से सक्रिय हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के सलाहकार मायखाइलो पोडोलीक ने कहा रूस एक मानव निर्मित तबाही की तैयारी कर रहा है।

 व्हाइट हाउस ने बृहस्पतिवार को कहा कि अमेरिका के पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि ईरानी सैनिक क्रीमिया में युद्ध के मैदान में सीधे रूप से सक्रिय हैं और वे यूक्रेन के नागरिकों और बुनियादी ढांचे पर ड्रोन हमले करने में रूस की मदद कर रहे हैं।

अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने संवाददाताओं से कहा कि ईरान ने ‘अपेक्षाकृत कम संख्या’ में सैनिक क्रीमिया भेजे हैं, जो यूक्रेन पर ईरान निर्मित ड्रोन के जरिये हमले करने में रूस की सहायता कर रहे हैं।

अमेरिका ने पहली बार गर्मियों में खुलासा किया था कि यूक्रेन पर हमलों के लिए रूसी सेना ईरान से मानवरहित विमान खरीद रही है। हालांकि, ईरान ने रूस को हथियार बेचने की खबरों को खारिज किया है।

ईरान रूस की मदद के लिए कर रहा है क्रीमिया की सहायता

किर्बी ने दावा किया कि ईरान ने रूस की मदद के लिए क्रीमिया में प्रशिक्षकों और तकनीकी सहायता को रखा है जो यूक्रेन में ड्रोन हमलों को रूसी ही अंजाम दे रहे हैं। अमेरिका ने खुलासा किया था कि यूक्रेन पर हमलों के लिए रूसी सेना ईरान से मानवरहित विमान खरीद रही है। हालांकि, ईरान ने रूस को अपने हथियार बेचने से इनकार किया है।बाइडेन प्रशासन ने संवेदनशील क्षण में रूस के युद्ध में सहायता करने में ईरान की भागीदारी के बारे में और विवरण जारी किया। ईरानी सुरक्षा हिरासत में मारे गए 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत के कारण सरकार विरोधी विरोध प्रदर्शनों पर क्रूर कार्रवाई पर प्रशासन ने ईरान के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाए हैं।अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, तेहरान रूस को ईरानी-निर्मित ड्रोन के साथ यूक्रेनी नागरिक लक्ष्यों पर बमबारी करने में मदद कर रहा है क्योंकि बाइडेन प्रशासन अंतरराष्ट्रीय दबाव को रोकने के लिए चाहता है।

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