रामधुन पर थिरकीं मुस्लिम महिलाएं, बरसाए सौहार्द के फूल

भगवा छटा, पुष्पवर्षा और अविराम जयकारे। हर तरफ बजती रामधुन और हर कंठ से गूंजता जय श्रीराम का उद्घोष। रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बरेली राममय हो गई। रविवार को रामलला के अचल विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में रामदूतों ने बरेली कॉलेज के मैदान से शोभायात्रा निकाली तो शहरवासी इसमें उमड़ पड़े। हर कोई इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने के लिए आतुर दिखा। बादल और कोहरे की चादर को चीरकर सूर्य चमक उठे, मानो वह भी इस दृश्य को देखने के लिए लालायित हों। जैसा कि रामलला के प्राकट्य का वर्णन करते हुए गोस्वामी तुलसीदास ने लिखा है,

मास दिवस कर दिवस भा मरम न जानइ कोइ।
रथ समेत रवि थाकेउ निसा कवन विधि होइ।।

अर्थात रामलला का जब अवतार हुआ तो सूर्य रथ सहित अपने स्थान पर रुक गए। ऐसे में भला रात कैसे होती। वह दिन महीनेभर का हो गया। इस रहस्य को कोई समझ नहीं पाया। रविवार को भी कुछ ऐसा ही दृश्य दिखा। शोभायात्रा में मुस्लिम समाज के लोगों ने सौहार्द के फूल बरसाए। महिलाएं रामधुन पर थिरकीं।

रामनामी पटका और हाथों में भगवा ध्वज लिए रामदूतों की टोली सड़कों पर निकली। शोभायात्रा में शामिल बच्चे, बुजुर्ग, युवा और महिलाएं, सभी ने अपने आराध्य के प्रति समर्पण भाव दिखाया। नेताओं से लेकर आमजन तक सभी ने साथ कदमताल किया। राहगीर भी इसमें शामिल हो लिए। हर कोई रामधुन में मग्न दिखा। रामभक्तों का उत्साह कड़ाके की सर्दी को मात दे रहा था। पीतवस्त्र धारी महिलाएं सिर पर कलश लेकर निकलीं तो ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो वह अपने आराध्य की अगवानी के लिए जा रहीं हों। एक के पीछे एक रथ पर सजाईं गईं सुंदर झांकियां लोगों का मन मोह रही थीं।

हजारों रामभक्तों का सैलाब बिहारीपुर खत्रियान स्थित प्राचीन शिव मंदिर पहुंचा तो पवित्र अखंड ज्योतिपुंज यात्रा भी इसमें सम्मिलित हो गई। श्रद्धालुओं ने इस ज्योति से ज्योति जलाई। शोभायात्रा ने गांधी उद्यान, चौकी चौराहा, पटेल चौक, नावल्टी चौराहा, पुराना रोडवेज, कालीबाड़ी, श्यामगंज होते हुए बरेली कॉलेज गेट पर पहुंचकर विश्राम लिया। रामदूतों का स्वागत करने के लिए जगह-जगह स्टॉल लगाए गए थे। कई स्टॉल पर तोप के आकार की मशीन लगाकर फूल बरसाए गए।

डांडिया में झूमे सिंधी, गुजराती टोली के साज ने लुभाया
शहर में निकाली गई रामदूत शोभायात्रा में डांडिया करती सिंधी समाज की टोली व अलवर की शहनाई पर नृत्य ने लोगों को खूब रिझाया। गुजराती टोली के कलाकार ढोल, नगाड़े, झांझ, मजीरा और डमरू के साज से समा बांध रहे थे। जय श्रीराम के उद्घोष से वातावरण राममय हो चला था। भक्तिरस से सराबोर तमाम लोग बांसुरी, शंख, डुगडुगी बजाकर शोभायात्रा का आकर्षण बढ़ा रहे थे।

शोभायात्रा का जगह-जगह हुआ स्वागत
उत्तरायणी जन कल्याण समिति की ओर से प्रभा टाकीज रोड पर पुष्पवर्षा करके शोभायात्रा का स्वागत किया गया। इसमें अध्यक्ष अमित पंत, महामंत्री मनोज पांडेय, रमेश शर्मा, दिनेश पंत, भूपाल सिंह बिष्ट, दिनेश पांडेय, तारा जोशी, डॉ. मनोज कांडपाल, केसी सती, जगदीश पाटनी, मीता सती, गिरीश पांडेय आदि शामिल रहे। पंजाबी महासभा की ओर से भी शोभायात्रा पर फूल बरसाए गए। इसमें शामिल लोगों में 101 किलो लड्डू का प्रसाद वितरित किया गया।

सर्व धर्म समभाव की भावना को मिला बल
रामदूत शोभायात्रा में मुस्लिम समाज के लोगों का भी साथ मिला। कई मुस्लिम महिलाओं और पुरुषों सहित हर धर्म व संप्रदाय के लोग इसमें शमिल हुए। इससे सर्व धर्म समभाव की भावना और मजबूत हुई। शोभायात्रा के गांधी उद्यान पहुंचने पर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के महानगर अध्यक्ष अनीस अंसारी ने स्वागत किया। उनके साथ तमाम पदाधिकारी शामिल रहे। मिशन मार्केट में भाजपा नेता व ऑल इंडिया गुलदस्ता-ए-हैदरी के शानू काजमी ने स्वागत किया।

दीपवाली की तरह मनाएं खुशियां
शोभायात्रा से पूर्व कॉलेज में आयोजित सभा को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह प्रांत कार्यवाह राजपाल ने संबोधित किया। प्रांत संघचालक शशांक भाटिया और सह प्रांत प्रचारक धर्मेंद्र ने आह्वान किया कि 22 जनवरी को दीपावली की तरह खुशियां मनाएं। इस दौरान सह विभाग संघचालक राजकुमार, ब्रह्माकुमारी ईश्वरी विश्वविद्यालय की रजनी दीदी, राममंदिर तीर्थक्षेत्र पूजित अक्षत वितरण समिति के महानगर अध्यक्ष पवन अरोड़ा मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Time limit exceeded. Please complete the captcha once again.