- विपक्ष के दावों को हवा में उड़ा रहे यूपी के लोग
- योगी सरकार के कामकाज की जनता से मिल रही सराहना
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर हर दिन चुनावी माहौल गरमा रहा है। राज्य में हर राजनीतिक दल के प्रमुख नेता जनता के बीच अपनी बात कह रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमों मायावती को छोड़कर हर राजनीतिक दल के प्रमुख नेताओं के जिलों में रैली और सम्मेलन हो रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्र गृहमंत्री अमित शाह जनता को सरकार के कार्यों को बताकर उनसे संवाद कर रहे हैं। दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी जिलों का दौरा प्रदेश सरकार पर आरोप लगा रहे हैं, जनता से तमाम तरह के वादे कर रहे हैं। नेताओं की इस सरगर्मी से प्रदेश के गरमाए चुनावी माहौल में जनता क्या सोच रही है? इसके लेकर तमाम न्यूज एजेंसियां चुनावी सर्वे कर रही हैं। ऐसे चुनावी सर्वे में जो रिजल्ट आ आएं हैं, उनके अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कामकाज को जनता की सराहना मिल रही है, वही विपक्षी दलों के वादों -दावों को जनता हवा में उड़ा रही है। जनता विपक्ष को आईना दिखा रही है।
गौरतलब है, उत्तर प्रदेश सहित देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है। यूपी में 403 विधानसभा सीटों पर चुनाव होना है। वर्ष 2017 में इतनी ही सीटों पर हुए चुनावों में बीजेपी को 312, अपना दल को 09, सुभासपा को 04, सपा को 47, बसपा को 19, कांग्रेस को 07 और रालोद को एक सीट पर जीत मिली थी। उक्त चुनावों में बीजेपी को 39.7 प्रतिशत वोट मिले थे। जबकि सपा को 21.8 प्रतिशत, बसपा को 22.2 प्रतिशत और कांग्रेस को 6.2 प्रतिशत वोट मिले थे। अब फिर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों पर होने वाले चुनावों को लेकर चुनावी माहौल गरमाया हुए है। ऐसे माहौल में जनता के मन में क्या है? यह जानने की कोशिश तमाम न्यूज एजेंसियां लगातार कर रही हैं। न्यूज एजेंसियों के तमाम चुनावी सर्वे में 40- 42 फीसदी वोट शेयर के साथ प्रदेश की बीजेपी सरकार पहले स्थान पर है। जबकि सपा 32- 34 फीसदी वोट शेयर के साथ दूसरे स्थान पर है। बसपा को 13 फीसदी वोट शेयर के आधार पर तीसरे और कांग्रेस को 8 फीसदी शेयर के साथ चौथा स्थान मिला है।
चुनावी सर्वे में बीजेपी के पहले स्थान पर आने की वजह, पौने पांच वर्षों में योगी सरकार द्वारा हर वर्ग के लिए किए गए कार्यों को बताया जा रहा है। राज्य की बेहतर हुई क़ानून व्यवस्था तथा इसके चलते राज्य में हुए रिकार्ड निवेश के अलावा किसानों की कर्ज माफी, गन्ना किसानों को उनके गन्ना मूल्य का समय से भुगतान मिलाना, किसान सम्मान निधि की क़िस्त समय से किसानों को मिलाना, साढ़े चार लाख से अधिक युवाओं को नौकरी मिलना। इसके अलावा प्रदेश सरकार द्वारा स्नातक तक बालिकाओं को निशुल्क शिक्षा देने के साथ मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत क्रमश : 10 लाख और 1.80 करोड़ बालिकाओं को लाभांवित किया जाना। नौकरियों में भी सरकार ने महिलाओं को प्राथमिकता देना। इस क्रम में 01 लाख से अधिक महिलाओं को सरकारी नौकरी में लिया जाना। करीब 56 हजार बैंकिंग करेस्पोंडेन्स सखियों की नियुक्ति किया जाना। 30 लाख 34 हजार निराश्रित महिलाओं को 1000 रुपए प्रतिमाह पेंशन दिया जाना। प्रदेश में दो करोड़ 94 लाख से अधिक शौचालय (इज्जतघर) का निर्माण करवाना और प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में गरीब महिलाओं को 1 करोड़ 67 लाख निःशुल्क गैस कनेक्शन वितरित किया जाना। ये प्रदेश सरकार की कुछ ऐसी योजनाएं हैं जिन्हें गांव से लेकर शहर तक में पसंद किया जा रहा हैं।
इसके चलते ही 70 प्रतिशत से अधिक लोग मुख्यमंत्री के रूप में पहली पसंद के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम ले रहे हैं। इसके अलावा चुनावी सर्वे में क़ानून- व्यवस्था, शिक्षा तथा स्वास्थ्य के क्षेत्र में योगी सरकार के कामकाज को बहुत बेहतर पाया जा रहा है। इस स्थित को बदलने के लिए सपा मुखियाअखिलेश यादव और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी जनता के बीच तरह तरह की वादे कर रहे हैं। अखिलेश कह रहे हैं कि सत्ता में आने पर वह गरीबों को पांच साल फ्री राशन देने और पूर्व प्रधानों को मानदेय देने पर विचार करेंगे। इसी तरह से प्रियंका गांधी ने यूपी में कांग्रेस की खोई सियासी जमीन को फिर से हासिल करने के लिए अपना पूरा फोकस महिलाओं पर दिया हुआ है। उन्होंने पार्टी को पुनर्जीवित करने की कोशिशों के तहत महिलाओं के लिए अलग घोषणा पत्र जारी किया। जिसमें मनरेगा में महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने और राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का वादा किया गया है। महिलाओं के लिए आवासीय खेल एकेडमी खोलने और पुलिस बल में 25 फीसदी महिलाओं को शामिल करने की भी घोषणा की है। महिलाओं को सालाना तीन मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर और छात्राओं को स्कूटी और स्मार्टफोन देने और आशा तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रतिमाह मासिक 10,000 और विधवा पेंशन के रूप में प्रतिमाह 1,000 रुपए देने, चुनाव में 40 फीसदी महिलाओं को टिकट देने जैसे वादे भी किए गए हैं। परन्तु पंजाब तथा अन्य कांग्रेस शासित राज्यों में कांग्रेस महिलाओं के लिए ऐसे वादे नहीं किए गए हैं। इसके चलते सपा और कांग्रेस के वादों को जनता हवा में उड़ा रही है, वरिष्ठ पत्रकार राजीव श्रीवास्तव का यह कहना है।