गंगा का जलस्तर बढ़ जानें से ,River rafting पर लगी रोक

मौसम अलर्ट के बीच पिछले दो दिन से गढ़वाल मंडल के विभिन्न क्षेत्र में निरंतर वर्षा हो रही है। गंगा में मिलने वाली सहायक नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है। जलस्तर में हो रही वृद्धि को देखते हुए पर्यटन विभाग ने यह कदम उठाया है।

मुनिकीरेती-कौड़ियाला इको टूरिज्म जोन में एक सप्ताह तक राफ्टिंग सुचारू रहने के बाद शुक्रवार को पर्यटन विभाग की ओर से रोक लगा दी गई। वर्षा के कारण गंगा के जलस्तर में हो रही वृद्धि को देखते हुए पर्यटन विभाग ने यह कदम उठाया है।

10 सितंबर को यहां शुरू हो पाई थी राफ्टिंग

मानसून सत्र में गंगा का जलस्तर बढ़ जाता है। जिसको देखते हुए 30 जून से 31 अगस्त तक जिला साहसिक पर्यटन खेल विभाग की संस्तुति पर जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल की ओर से राफ्टिंग पर रोक लगा दी जाती है।

गंगा का जलस्तर नियंत्रित होने के बाद एक सितंबर से राफ्टिंग की शुरुआत होती है। इस वर्ष गंगा के जलस्तर में कमी ना आने के कारण राफ्टिंग विलंब से शुरू हुई। जिला तकनीकी समिति की संस्तुति के बाद 10 सितंबर को यहां राफ्टिंग शुरू हो पाई थी।

सहायक नदियों के जलस्तर में वृद्धि

मौसम अलर्ट के बीच पिछले दो दिन से गढ़वाल मंडल के विभिन्न क्षेत्र में निरंतर वर्षा हो रही है। गंगा में मिलने वाली सहायक नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है। जिसके कारण गंगा के जल स्तर में भी वृद्धि हो रही है।

ऋषिकेश में गंगा का चेतावनी लेवल 339.500 मीटर है। शुक्रवार को दोपहर बाद गंगा चेतावनी रेखा से मात्र 80 सेंटीमीटर नीचे पहुंच गई थी। ऐसी स्थिति को गंगा में साहसिक गतिविधियों के अनुकूल नहीं माना जाता है।

पर्यटन विभाग की ओर से राफ्टिंग रूट पर ब्रह्मपुरी के समीप गंगा के किनारे ग्रीन लेवल निर्धारित किया गया है। गंगा का जल स्तर ग्रीन लेवल से नीचे रहने पर ही राफ्टिंग जारी रखी जाती है।

शुक्रवार की सुबह नौ बजे तक यहां गंगा का जल स्तर ग्रीन लेवल से नीचे था। दोपहर एक बजे बाद जलस्तर बढ़ने लगा और दो बजे ग्रीन लेवल को पार कर गया।

जिला साहसिक खेल अधिकारी केएस नेगी ने बताया कि मौसम अलर्ट को देखते हुए गंगा के जलस्तर पर निरंतर नजर रखी जा रही है। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट भी जल स्तर में वृद्धि की पुष्टि कर रही थी।

ब्रह्मपुरी में ग्रीन लेवल पार हो जाने के बाद विभाग की ओर से राफ्टिंग पर रोक लगा दी गई। दोपहर दो बजे बाद गंगा में राफ्टिंग गतिविधियां पूरी तरह से रोक दी गई। इस सत्र में राफ्टिंग शुरू होने के बाद प्रतिदिन करीब 700 पर्यटक पहुंच रहे हैं।

शुक्रवार को दो बजे से पहले जितनी भी राफ्ट गंगा में उतरी थी उन सभी को बाहर निकलवा दिया गया। 17 सितंबर तक मौसम विभाग की ओर से अलर्ट बताया गया है। उसके अगले कुछ दिन तक गढ़वाल मंडल के कुछ क्षेत्रों में वर्षा का अलर्ट अभी भी जारी रखा गया है। जिसको देखते हुए प्रशासन कोई भी जोखिम उठाने को तैयार नहीं है।

शनिवार को जिला तकनीकी समिति यहां पहुंचेगी और गंगा में सभी हालात का मौके पर निरीक्षण करेगी। निरीक्षण में यह भी देखा जाएगा कि राफ्टिंग क्षेत्र में पानी के साथ पेड़ और लकड़ियां तो बहकर नहीं आई है। गंगा में सिल्ट की मात्रा का भी निरीक्षण किया जाएगा। राफ्टिंग पर रोक संबंधी आदेश की जानकारी पुलिस प्रशासन और स्थानीय प्रशासन को दे दी गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Time limit exceeded. Please complete the captcha once again.