भारत में लंबे वक्त से समलैंगिक विवाह को से मान्यता देने की मांग हो रही है, जिसके लिए कई हाई कोर्ट में याचिकाएं लंबित हैं। अब सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट में समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की मांग से जुड़ी आधा दर्जन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के लिए ट्रांसफर कर दिया है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के हालिया निर्णय के बाद दिया। बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह से जुड़े सभी मामलों को शीर्ष अदालत में ट्रांसफर करने का निर्णय लिया था।
अपराध नहीं है समलैंगिक विवाह
आपको बता दें, साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि सहमति से समलैंगिक यौन संबंध बनाना अपराध की श्रेणी में नहीं आता और इसी के चलते समलैंगिक यौन संबंध भारत में अपराध नहीं है। हालांकि, समलैंगिक विवाह को अभी तक मान्यता नहीं मिली है।