जानें क्या डायबिटीज़ में अंगूर खाया जा सकता है?

जो लोग टाइप-2 डायबिटीज़ से जूझ रहे होते हैं, उन्हें अपनी डाइट में कई तरह के बदलाव करने पड़ते हैं, जिससे ब्लड शुगर का स्तर सही रहे। कैलोरी से भरपूर फूड्स से दूरी बनाने के साथ मीठे पकवानों की ओर देखने से भी बचना पड़ता है। लेकिन इसी के साथ डायबिटीज़ के मरीज़ों को मौसमी और ताज़ा खाने की सलाह भी मिलती है। खासतौर पर जब बात आती है फलों की तो डायबिटीज़ के सभी मरीज़ असमंजस में पड़ जाते हैं, कि कहीं फलों में मौजूद नैचुरल मिठास उनका ब्लड शुगर न बढ़ा दे।

ऐसा ही एक फल है अंगूर, जिसे डायबिटीज़ मरीज़ खा सकते हैं या नहीं, अगर हां तो किस तरह खाना बेहतर होता है? आइए जानें इन सभी सवालों के जवाब…

पहले टाइप-2 डायबिटीज़ को समझें

टाइप-2 डायबिटीज़ में शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता। मोटापा, फिज़िकल एक्टिविटी की कमी और हाई ग्लायसेमिक इंडेक्स (GI) वाले फूड्स का सेवन डायबिटीज़ का ख़तरा बढ़ाते हैं। GI का इस्तेमाल एक खाने की वजह से ब्लड शुगर के स्तर के बढ़ने जिसका मूल्यांकन करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। इसी के साथ ग्लायसेमिक लोड (GL) का उपयोग भोजन में कार्बोहाइड्रेट की संख्या और इंसुलिन की मांग के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए किया जाता है। यही वजह है कि डायबिटीज़ होने पर मरीज़ को कम GI और GL वाले फूड्स खाने की सलाह दी जाती है।

तो क्या डायबिटीज़ में अंगूर खाया जा सकता है?

अंगूर पोषक तत्वों और एंटीऑक्सीडेंट्स, पॉलीफेनॉल्स और फ्लेवनॉइड्स से भरे होते हैं। ये सभी पोषक तत्व डायबिटीज़ जैसी क्रोनिक बीमारी से बचाने में मददगार साबित होते हैं। इस फल का जीआई और जीएल स्तर भी कम होता है, जिससे यह टाइप-2 डायबिटीज़ में फायदा पहुंचा सकते हैं। अंगूर का जीआई 53 है।

डायबिटीज़ में किन बातों का रखना चाहिए ख्याल?

फलों में मौजूद नैचुरल चीनी जिसे फ्रुक्टोस भी कहा जाता है, वह शरीर को उस तरह प्रभावित नहीं करती जैसे रिफान्ड चीनी करती है। फलों में मौजूद चीनी धीरे-धीरे पचती है और शरीर में अवशोषित हो जाती है और ब्लड शुगर के स्तर को अचानक नहीं बढ़ाती है। अंगूर में भी प्राकृतिक चीनी होती है, जिसमें एंटीऑक्सीडेंट्स और मज़बूत एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं।

कौन-सा अंगूर होता है बेस्ट?

काले अंगूरों को सबसे हेल्दी माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इनमें ताकतवर एंटीऑक्सीडेंट्स, जैसे फाइबर और फेनोलिक एसिड शामिल होते हैं। ये एसिड एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीकैंसर, कार्डियोप्रोटेक्टिव और ब्लड शुगर-रेगुलेटिंग लाभ प्रदान करते हैं।

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