RBI की ओर से फ्लोटिंग रेट सेविंग बॉन्ड पर ब्याज को बढ़ाकर 8.05 प्रतिशत कर दिया गया..

फ्लोटिंग रेट सेविंग बॉन्ड एनएससी से लिंक होते हैं। जब एनएससी पर ब्याज बढ़ता है तो इन बॉन्ड्स की ब्याज दर में भी इजाफा होता है। इसमें कोई भी भारतीय नागरिक न्यूनतम 1000 रुपये से निवेश कर सकता है। (जागरण फाइल फोटो)

भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जुलाई रिव्यू में फ्लोटिंग रेट सेविंग बॉन्ड्स (2020) की ब्याज दर को बढ़ा दिया गया है। नई ब्याज दर शनिवार (एक जुलाई, 2023) से लागू हो गई है। आरबीआई के सेविंग बॉन्ड्स पर ब्याज दर को 7.35 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.05 प्रतिशत कर दिया गया है।

NSC से लिंक होते हैं ये बॉन्ड्स

आरबीआई की ओर से जारी किए जाने वाले ये बॉन्ड्स सरकारी छोटी बचत योजना से लिंक होते हैं।  सरकार की ओर से अप्रैल-जून तिमाही में एनएससी की ब्याज दरों को 0.60 प्रतिशत बढ़ाकर 7.70 प्रतिशत कर दिया गया था। इस कारण फ्लोटिंग रेट सेविंग बॉन्ड्स (2020) पर आरबीआई को ब्याज दर को बढ़ाकर 8.05 प्रतिशत कर दिया है।

बता दें, आरबीआई के फ्लोटिंग रेट सेविंग बॉन्ड्स (2020) पर ब्याज हमेशा 0.35 प्रतिशत अधिक होती है। जब भी एनएससी की ब्याज दरों में बदलाव किया जाता है तो एनएससी पर मिलेने वाली ब्याज दर से 0.35 अधिक ही इसकी ब्याज होती है।

हर 6 महीने में होता है रिव्यू

से सेविंग बॉन्ड की ब्याज दरों का रिव्यू हर छिमाही में किया जाता है। अब अगला आरबीआई की फ्लोटिंग रेट का रिव्यू एक जनवरी, 2024 होगा।

सुरक्षित निवेश का अच्छा विकल्प

RBI के फ्लोटिंग रेट सेविंग बॉन्ड ऐसे निवेशकों के लिए अच्छा विकल्प है, जो अधिक सुरक्षित निवेश का मौका तलाश रहे हैं।

  • इसमें कोई भी भारतीय नागरिक निवेश कर सकता है। साथ ही एचयूएफ के जरिए निवेश किया जा सकता है।
  • इन बॉन्ड्स में 1000 रुपये से निवेश कर सकते हैं और अधिकतम निवेश की कोई लिमिट नहीं है।
  • इसमें ब्याज का भुगतान निवेश को हर छिमाही पर किया जाता है।
  • फ्लोटिंग रेट सेविंग बॉन्ड पर सात साल का लॉक-इन पीरियड होता है। इस दैरान केवल उन्हीं निवेशकों को पैसा निकालने की इजाजत होती है जिनकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक होती है।

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