कानपुर: वन विभाग का बाबू 10 हजार रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार

धीरेंद्र के मुताबिक 22 मई को बृजेंद्र सिंह ने मिलने कार्यालय बुलाया और फाइल पास करने के एवज में 20 हजार रुपये मांगे। काफी मान मनौव्वल के बाद 15 हजार रुपये में बात तय हुई। पहले दस और फिर पांच हजार देने पर सहमति बनी।

कानपुर में पेंशन की फाइल पास कराने के नाम पर अपने ही विभाग के सेवानिवृत्त वन दरोगा से 10 हजार की घूस लेते वन विभाग के वरिष्ठ लिपिक को एंटी करप्शन की कानपुर यूनिट ने रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने 15 हजार में से 10 हजार रुपये लेने के लिए बुधवार को पीड़ित को संजय वन के पास बुलाया था।

लिपिक के खिलाफ किदवईनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराकर टीम आरोपी को लखनऊ ले गई है। बर्रा-दो ईडब्ल्यूएस निवासी धीरेंद्र कुमार बाजपेई वानिकी प्रशिक्षण संस्थान (एफटीआई) में वन दरोगा के पद पर कार्यरत थे। 30 अप्रैल 2023 को सेवानिवृत्त हुए हैं।

धीरेंद्र ने बताया कि 13 महीने से पेंशन पाने के लिए वह किदवईनगर स्थित एफटीआई कार्यालय में तैनात वरिष्ठ लिपिक व मूलरूप से झांसी के महावीरनपुरा नगला निवासी बृजेंद्र सिंह के यहां चक्कर काट रहे थे, लेकिन पेंशन की फाइल पास नहीं कर रहा था।

मान मनौव्वल के बाद 15 हजार में बात तय हुई
धीरेंद्र के मुताबिक 22 मई को बृजेंद्र सिंह ने मिलने कार्यालय बुलाया और फाइल पास करने के एवज में 20 हजार रुपये मांगे। काफी मान मनौव्वल के बाद 15 हजार रुपये में बात तय हुई। पहले दस और फिर पांच हजार देने पर सहमति बनी। धीरेंद्र ने 25 मई को एंटी करप्शन टीम से शिकायत कर दी।

एंटी करप्शन ने रंगेहाथ पकड़ा
टीम के कहने पर धीरेंद्र ने वरिष्ठ लिपिक से बात कर बुधवार सुबह सात बजे संजय वन के सामने बुलाया। सुबह जब आरोपी पहुंचा, तो धीरेंद्र ने फिलैन्थीन पाउडर लगे 500 के 20 नोट बृजेंद्र को थमा दिए। इस बीच टीम पहुंच गई और केमिकल से हाथ धुलवाकर उसे रंगे हाथ पकड़ लिया।

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