बैंक मैनेजर समेत तीन शातिर साइबर ठग गिरफ्तार, फर्जी कंपनियों के जरिए करोड़ों की ठगी का खुलासा

दिनांक 05.11.2025 को साइबर क्राइम सेल एवं साइबर क्राइम थाना, लखनऊ की संयुक्त टीम क्षेत्र में गश्त पर मामूर थी। इस दौरान मुखबिर खास से सूचना प्राप्त हुई कि दो व्यक्ति, उमाकांत एवं राजीव विश्वास, अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर साइबर ठगी कर लोगों से धोखाधड़ी कर रहे हैं तथा यदि शीघ्र कार्यवाही की जाए तो पकड़े जा सकते हैं।

सूचना पर विश्वास करते हुए टीम महानगर चौराहे के समीप पहुँची, जहाँ मुखबिर ने एक्सिस बैंक गोल मार्केट के सामने खड़े दो संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान कराई। टीम ने तत्परता से कार्यवाही करते हुए दोनों को पकड़ लिया। पूछताछ में उन्होंने अपना नाम उमाकांत व राजीव विश्वास बताया।

पूछताछ में उमाकांत ने बताया कि वे अपनी फर्जी फर्म आकाश रियल स्टेट एंड डेवलपर्स प्रा. लि. के नाम से खाता खुलवाने की योजना बना रहे थे। आगे पूछताछ में उमाकांत ने स्वीकार किया कि वह वास्तविक रूप से रियल एस्टेट का कार्य नहीं करता बल्कि विभिन्न नामों से फर्जी फर्म बनाकर अलग-अलग बैंकों में खाते खुलवाता है, जिनके माध्यम से करोड़ों रुपये की साइबर ठगी की जाती है।

उसने बताया कि इस पूरे नेटवर्क में उत्तम विश्वास, जो इंडसइंड बैंक चिनहट, लखनऊ में डिप्टी ब्रांच मैनेजर हैं, सक्रिय रूप से सहयोग करते हैं। उमाकांत ने बताया कि अब तक ठगी की रकम में से लगभग 20 करोड़ रुपये में से 10–20 प्रतिशत कमीशन के रूप में उत्तम विश्वास को दिए गए हैं, जिनमें से ₹1 लाख गूगल पे से तथा ₹7–8 लाख नकद दिए गए।

उक्त सूचना पर टीम ने कुर्सी रोड स्थित किरन एन्क्लेव पहुँचकर उत्तम विश्वास को हिरासत में लिया। पूछताछ में उसने अपना नाम उत्तम कुमार विश्वास पुत्र सुभाष कुमार विश्वास (उम्र 44 वर्ष) निवासी 843, किरन एन्क्लेव, थाना गुडम्बा, लखनऊ बताया तथा अपराध में संलिप्तता स्वीकार की।

तीनों अभियुक्तों — उत्तम विश्वास, राजीव विश्वास एवं उमाकांत — को गिरफ्तार किया गया। इनके विरुद्ध मुकदमा अपराध संख्या 181/2025, धारा 317(2)/317(4)/318(2)/3(5) भारतीय न्याय संहिता तथा धारा 66(D) आईटी एक्ट के अंतर्गत थाना साइबर क्राइम, लखनऊ में अभियोग पंजीकृत किया गया है।

पूछताछ का विवरण-

अभियुक्तउत्तम विश्वास, डिप्टी ब्रांच मैनेजर, इंडसइंड बैंक चिनहट लखनऊद्वारा बताया गया कि उसनेउमाकांतराजीव विश्वासकी फर्मसोनराइजसॉल्यूशन प्रा. लि.के नाम से बैंक खाता (IndusInd Bank – A/c No. 201034596390, IFSC: INDB0000865) खोला तथाकोटक महिंद्रा बैंकमें भी खाता (A/c No. 9415681035, IFSC: KKBK0005219) खुलवाने में सहयोग किया।

इन खातों मेंगेमिंग और ऑनलाइन फ्रॉडसे प्राप्त धनराशि आती थी, जिसे उमाकांत ऑनलाइन बैंकिंग व एटीएम के माध्यम से निकालता था। प्राप्त रकम में से20% कमीशनउत्तम विश्वास को नकद व ऑनलाइन माध्यम से दिया जाता था।

पूछताछ मेंउमाकांतने स्वीकार किया कि ठगी की राशि से उसने27.10.2025 को अपनी पत्नी के नाम पर जमीन खरीदीऔरस्वर्ण आभूषणभी लिए, जिसकी पुष्टि उसके मोबाइल फोन से हुई।

साइबर टीम द्वारा साइबर पोर्टल, बरामद मोबाइल, पासबुक तथा चेक बुक के विश्लेषण से अब तक कुल 40 साइबर ठगी की शिकायतें विभिन्न प्रान्तों में आमजन द्वारा दर्ज कराई गई हैं।जिसमे विशाखापत्तनम, पश्चिम बंगाल, गुरुग्राम हरियाणा व हैदराबाद में अभियोग भी पंजीकृत है | जिसके डिटेल्स मंगाई जा रही है | प्राप्त शिकायतें विभिन्न राज्यों से संबंधित हैं और उनसे जुड़े मुकदमों की जानकारी प्राप्त की जा रही है। अभियुक्तों द्वारा उपयोग किए गए खातों में करोड़ों रुपए का लेन-देन हुआ है।

गिरोह का अपराध करने का तरीका(Modus Operandi):
1.कई फर्जी/बेनामीफर्मों के नाम पर बैंक खाते खुलवाए जाते हैं।
2.गेमिंग/ऑनलाइन फ्रॉड से प्राप्त धन उन खातों में जमा होता है।
3.बैंक मैनेजर के सहयोग से खाते खुलवाकर सतर्कता से बचा जाता था ।
4.रकम को कई खातों में ट्रांसफर कर एवं ATM/ऑनलाइन से निकालकर लेयरिंग की जाती है।
5.बैंक मैनेजर को 10–20% कमीशन दिया जाता है; शेष धन नकद, सोना व अचल संपत्ति में बदला जाता है।


बरामद की गई सामग्री:
₹ 30,000/- नकद राशि
05अददमोबाइल फोन
06 अदद एटीएम कार्ड
02 आधार कार्ड व 01 अदद पैन कार्ड

गिरफ्तार अभियुक्त का विवरण :

  1. उमाकांत पुत्र गौरीशंकर हाल पता भगवती यादव का किराये का मकान ,रायल  सिटी कालौनीअनौरा थाना बीबीडी जनपद लखनऊ व मूल पता -पटेल नगर ,वार्ड न0 4 ,वभना,बभनान,जनपद बस्ती उत्तर प्रदेश उम्र करीब  36 वर्ष
  2. राजीव विश्वास पुत्र प्रकाश कुमार विश्वास निवासी खम्हरिया जगदीशपुर जिला बस्ती उम्र करीब  28वर्ष
  3. उत्तम कुमार विश्वास पुत्र सुभाष कुमार उम्र 44 वर्ष विश्वास निवासी 843 किरन एक्लेव,कुर्सी रोड  लखनऊ उम्र करीब  44 वर्ष(ब्रांच मैनेजर इंडसइंड बैंक)

गिरफ्तारी करने वाली टीम :

  1. प्रभारी निरीक्षक बृजेश कुमार यादव, साइबर क्राइम थाना लखनऊ |
  2. प्रभारी साइबर सेल उ0नि0 प्रशांत कुमार वर्मा |
  3. उ0नि0अरविन्द कुमार यादव, साइबर क्राइम सेल |
  4. मुख्य आरक्षी शिववीर सिंह, साइबर क्राइम सेल |
  5. आरक्षी अमित तिवारी, साइबर क्राइम सेल लखनऊ |
  6. आरक्षी तरुण मौर्या, साइबर क्राइम थाना लखनऊ |
  7. आरक्षी आशीष, साइबर क्राइम थाना लखनऊ |

अपील / सलाह:

  • साइबर ठगी से सतर्क रहें — किसी भी अज्ञात लिंक, कॉल, ईमेल या ऐप पर भरोसा न करें।
  • किसी भी व्यक्ति को अपना बैंक विवरण, OTP, या UPI PIN साझा न करें।
  • ऑनलाइन लॉटरी, इनाम, सट्टा, निवेश या जॉब ऑफर के नाम पर आने वाले संदेशों से सावधान रहें।
  • साइबर ठगी होने पर तुरंत राष्ट्रीय साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करेंयाwww.cybercrime.gov.inपरशिकायतदर्जकरें।
  • संदेहास्पद वेबसाइट, मोबाइल ऐप या लिंक की जानकारी तुरंत पुलिस या साइबर सेल को दें।
  • अपने बैंक खातों व मोबाइल नंबर से जुड़ी सभी सुरक्षा सुविधाएँ (2-Step Verification, UPI Lock आदि) सक्रिय रख

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