सिकटा सीट पर किस पार्टी को मिलेगी जीत, समझिए पूरा समीकरण

सिकटा विधानसभा सीट से जेडीयू ने समृद्ध वर्मा को अपना उम्मीदवार बनाकर चुनावी मैदान में उतारा है। तो वहीं सीपीआई-एमएल ने इस सीट से वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता को टिकट दिया है। हालांकि अब सिकटा विधानसभा पर जीत हासिल करना किसी एक पार्टी के लिए आसान नहीं रहा।बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में स्थित सिकटा विधानसभा सीट को राज्य की अहम और चर्चित सीटों में से एक माना जाता है। सिकटा सीट वाल्मीकि नगर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। इस सीट पर जातीय समीकरणों के अलावा शिक्षा, बेरोजगारी, स्वास्थ्य सुविधाएं और आधारभूत विकास जैसे मुद्दे भी मतदाताओं के निर्णय को प्रभावित करते हैं। सिकटा विधानसभा सीट पर दूसरे चरण यानी की 11 नवंबर को मतदान होने हैं। वहीं वोटों की गिनती 14 नवंबर 2025 को होगी।

किसके बीच मुकाबला

इस बार सिकटा विधानसभा सीट से जेडीयू ने समृद्ध वर्मा को अपना उम्मीदवार बनाकर चुनावी मैदान में उतारा है। तो वहीं सीपीआई-एमएल ने इस सीट से वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता को टिकट दिया है। हालांकि अब सिकटा विधानसभा पर जीत हासिल करना किसी एक पार्टी के लिए आसान नहीं रहा। इस सीट पर जातीय समीकरणों के अलावा व्यक्ति विशेष की लोकप्रियता और स्थानीय समस्याओं पर पकड़ रखने वाला प्रत्याशी बाजी मार सकता है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि साल 2025 में यह सीट किसके खाते में जाएगी

सिकटा विधानसभा सीट का इतिहास

इस विधानसभा सीट का इतिहास काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। साल 2010 में इस सीट से निर्दलीय दिलीप वर्मा ने जीत हासिल कर सभी को चौंका दिया था। वहीं साल 2015 में जेडीयू के खुर्शीद अहमद ने जीत हासिल की और दोबारा विधायक बने। फिर साल 2020 का चुनाव लड़ा उलटफेर लेकर आया। इस दौरान भाकपा के वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने जेडीयू के खुर्शीद अहमद को शिकस्त देकर विपक्ष की ताकत को बढ़ा दिया था।

जातीय समीकरण

बिहार की सिकटा विधानसभा सीट पर यादव और मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं। यही कारण है कि महागठबंधन का यहां पर दबदबा मजबूत रहता है। इसके अलावा यहां पर कोइरी, रविदाय और ब्राह्मण जातियां भी चुनाव परिणाम बदलने में अहम भूमिका निभाती हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या साल 2025 में यह समीकरण एनडीए के पक्ष में जाएगा या फिर महागठबंधन की पकड़ कायम रहेगी।

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