कांग्रेसी ही बने कांग्रेस के दुश्मन

लमान, राशिद ने प्रियंका गांधी की मुहिम को पहुंचाई ठेस  

हिंदू और हिंदुत्व को लेकर एक नए विवाद में फंसी कांग्रेस पार्टी  

सलमान की टिप्पणी और राशिद के बयान पर प्रियंका को नहीं सूझ रहा जवाब

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई हैं। कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा यूपी में कांग्रेस के खोए जनाधार को फिर से पाने का संभव जतन कर रही हैं। वो मंदिर -मंदिर जाकर भगवान से यूपी में कांग्रेस पार्टी का पैर जमाने का आशीर्वाद मांग रही हैं। वहीं दूसरी तरफ सलमान खुर्शीद और राशिद अल्वी सरीखे बयानवीर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कांग्रेस पार्टी और प्रियंका की मुहिम को नुकसान पहुंचा रहे हैं। मुस्लिम समाज के हमदर्द बनने की चाह में इन नेताओं की बयानबाजी और कृत्य के चलते कांग्रेस पार्टी हिंदू – हिंदुत्व को लेकर एक नए विवाद में फंस गई है। जिसका नुकसान राज्य में कांग्रेस को होता दिखने लगा है। कांग्रेस के साथ आने की सोच रहे छोटे राजनीतिक दलों को ऐसे नेताओं की बयानबाजी ने कांग्रेस से दूर कर दिया है। यूपी के यह छोटे-छोटे दल भी अब कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने को तैयार नहीं है। लिहाजा कांग्रेस को अकेले ही चुनाव लड़ने का ऐलान करना पड़ा है। सलमान और राशिद जैसे नेताओं के चलते हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रियंका वाड्रा ने अब पार्टी के बयानवीर नेताओं के बयानों पर चुप्पी साध ली है।  

हिंदू और हिंदुत्व पर कांग्रेस नेताओं के बयान के बाद जहां एक तरफ यूपी का सियासी पारा चढ़ गया है, वही दूसरी तरफ कांग्रेस के खिलाफ बीजेपी को हमला बोलने का एक बड़ा मुददा भी मिल गया है। कुल मिलाकर सलमान खुर्शीद एवं राशिद अल्वी जैसे सीनियर कांग्रेसी नेताओं की विवादित टिप्पणी और बयान के चलते यूपी में प्रियंका गांधी की मुहिम को राज्य में नुकसान हो रहा है। इसे देखते हुए यह कहा जा रहा है कि यूपी के चुनावों में विकास के साथ ही हिंदू और हिंदुत्व एक बड़ा मुद्दा बनने जा रहा है। कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की किताब ‘सनराइज ओवर अयोध्या’में हिंदुत्व की तुलना आईएसआईएस और बोको हराम से करने तथा राशिद अल्वी द्वारा एक कार्यक्रम में रामायण का एक प्रसंग सुनाते हुए जय श्रीराम कहने वालों की तुलना राक्षस से किया जाना, बड़ा चुनावी मुददा बन रहा हैं। सलमान खुर्शीद की किताब को लेकर देश में बवाल मचा हुआ है। मध्य प्रदेश में उनकी किताब पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। जबकि राशिद अल्वी के बयान पर हिंदू संगठन उन पर हमलावर हैं। यूपी के बीजेपी नेताओं ने भी रशीद अल्वी के बयान पर नाराजगी जताई और कहा कि राम भक्तों के प्रति कांग्रेस के विचारों में जहर है।

सिर्फ बीजेपी ने ही कांग्रेसी नेताओं की विवादित टिप्पणी और बयानबाजी पार आपत्ति नहीं की है। सलमान खुर्शीद की किताब में हिंदुत्व की तुलना आईएसआईएस और बोको हराम करने पर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने भी असहमति जताई है। गुलाम नबी ने हिंदुत्व की तुलना आईएसआईएस या जिहादी इस्लाम से करने को गलत बताया था। उनका कहना है कि कि सलमान खुर्शीद अपनी नई किताब में भले ही हिंदुत्व को हिंदू धर्म की मिली जुली संस्कृति से अलग एक राजनीतिक विचारधारा मानकर इससे असहमति जताएं, लेकिन हिंदुत्व की तुलना आईएसआईएस और जिहादी इस्लाम से करना तथ्यात्मक रूप से गलत और अतिशयोक्ति है। वही दूसरी तरफ हिंदू धर्म और हिंदुत्व में फर्क है। अगर फर्क नहीं होता तो नाम एक होता। हिंदू को हिंदुत्व की जरूरत नहीं होती? इसके बाद भी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस विवाद पर अपना मत स्पष्ट नहीं नहीं किया। हर दिन बात-बात में ट्वीट कर प्रदेश सरकार से सवाल पूछने वाली प्रियंका गांधी ने सलमान की किताब में हिंदुत्व की तुलना आईएसआईएस और बोको हराम करने तथा राशिद अल्वी द्वारा एक कार्यक्रम में रामायण का एक प्रसंग सुनाते हुए जय श्रीराम कहने वालों की तुलना राक्षस से करने को लेकर एक भी शब्द ना तो ट्वीट किया और ना ही बोला। प्रियंका गांधी के इस रुख को वरिष्ठ पत्रकार राजीव श्रीवास्तव कहते हैं कि हिंदुत्व को लेकर कांग्रेस अब भी द्वंद में है। इसलिए कांग्रेस के नेताओं के बयान में कोई समानता नहीं है। इसकी वजह है, पार्टी को एकजुट रखने वाला ऐसा कोई नेतृत्व नहीं है जो सबको स्वीकार्य हो। इसलिए कांग्रेस नेताओं में हिंदुत्व को परिभाषित करने की होड़ लगी हुई है। भले ही उनके बयानों से कांग्रेस को नुकसान हो रहा हो।

यूपी की राजनीति को गहराई से समझने वाले वरिष्ठ पत्रकार बृजेश शुक्ला कहते हैं, कांग्रेसी नेता चुनावों के समय ही ज्ञान देने की आदत का शिकार हैं। सलमान खुर्शीद तथा राशिद अल्वी ने इसी आदत के तहत पार्टी को हिंदू और हिंदुत्व को लेकर नए विवाद में फंसाया है। कांग्रेस का अन्तर्विरोध इसकी मुख्य वजह है। कांग्रेस में प्रियंका गाधी सहित तमाम नेता सबके साथ दिखना चाहते हैं लेकिन सलमान खुर्शीद, रशीद अल्वी सहित तमाम नेता ऐसे भी हैं जो मुस्लिम वोटों के लिए गैरजरूरी बयानबाजी करते हैं। यह जानते हुए भी कि सिर्फ बयानबाजी से मुस्लिम समाज  पार्टी के साथ नहीं आएगा, मुस्लिम समाज उसी के साथ खड़ा होता है जो लड़ता हुआ दिखे। यूपी में कांग्रेस को लड़ता हुआ दिखाने के लिए प्रियंका गांधी दो साल से प्रदेश में सक्रिय हैं। राहुल गांधी ने यूपी दायित्व पूरी तरह से प्रियंका को सौपा हुआ है। यह सब जानते हुए भी सलमान और रशीद अल्वी ने चुनाव के पहले हिंदू और हिंदुत्व का विवाद खड़ा करा दिया है। कांग्रेस नेताओं के इन बयानों को भी मुददा बनाएगी। जिसका नुकसान यूपी में प्रियंका गांधी की मुहिम पर पड़ेगा। क्योंकि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के पास कोई विरासत नहीं है, जमीन पर कोई आधार नहीं है। इसलिए कांग्रेस के जो नेता यह सोचकर बयान दे रहे हैं कि कुछ मुस्लिम वोट उन्हें मिल जाएंगो तो वे गलत सोच रहे हैं। सीनियर कांग्रेसी नेताओं के ऐसे बयान कांग्रेस का ही नुकसान करेंगे, बृजेश शुक्ला का यह मत है।